जगदलपुर/नवप्रदेश। Ganje ki Kheti : बस्तर पुलिस लगातार आपराधिक तत्वों पर नियंत्रण पाने कार्यवाई पर कार्यवाई कर रही है। विगत कुछ वर्षों में क्षेत्र में गांजे की जप्ती और अपराधियों की धरपकड़ में तेजी आई है। अब तक अन्य राज्यों के गांजे की खेप को बस्तर व यहाँ से गुजरते हुए अन्य राज्यों में ले जाया जाता रहा है। ओडिशा राज्य में इसकी खेती धड़ल्ले से की जा रही है। लेकिन अब बस्तर में भी ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जहाँ गांजे की खेती की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, शहर से सटे ग्राम करितगाँव में गांजे की खेती की जा रही है। ग्रामीणों ने बताया कि गाँव के ही एक शासकीय कर्मी द्वारा नजूल की जमीन पर कब्ज़ा कर मक्के के पौधों की आड़ में धड़ल्ले से गांजे के पौधे लगाये गए हैं। विगत तक़रीबन एक वर्ष से यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। यह क्षेत्र नगरनार थाना अंतर्गत आता है. ग्रामीणों ने इस तरह से पौधे लगाने और शासकीय कर्मी द्वारा नजूल जमीन कब्ज़ा किये जाने को लेकर कई दफा विरोध भी किया है लेकिन सम्बंधित विभाग द्वारा आज पर्यंत कोई ठोस कार्यवाई नहीं की गयी है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि खुलेआम नशीले पदार्थ की ऐसे खेती किये जाने से क्षेत्र और आसपास के युवाओं का भविष्य खतरे में है जिसका वे विरोध कर रहे हैं। नजूल जमीन विवाद को लेकर तहसीलदार व एसडीएम में भी शिकायत मामला दर्ज किया जा चुका है लेकिन कोई सकारात्मक कार्य नहीं किया गया है।
करितगाँव के सरपंच गुनेश्वर बघेल बताते हैं कि पीडब्लूडी विभाग के कर्मी रामसाय पिता मानसिंह द्वारा नजूल भूमि में कब्ज़ा किया गया है जहाँ गांजे के पौधे लगे हुए हैं। मक्का की आड़ में इन पौधों (Ganje ki Kheti) को लगाये जाने की सुचना गाँव के लोगों ने उन्हें दी है। नगरनार थाने से भी पुलिस कर्मी गाँव पहुंचकर बयान लिए हैं। उक्त स्थल पर कब्ज़ा खाली किए जाने के लिए विगत तक़रीबन एक वर्ष से सभी प्रयासरत हैं। गांजे के खेती का मामला गंभीर है, कार्यवाई की प्रक्रिया जारी है।
अधिक जानकारी लेने के नगरनार थाने के शासकीय मोबाइल नंबर पर कॉल किया गया लेकिन नंबर निरंतर स्विच ऑफ व कवरेज से बाहर बताता रहा। खबर लिखे जाने तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.