हरिद्वार/ए.। हरकी पैड़ी पर गंगा नदी (ganga river) का नाम बदलकर (name change) इस ‘देवधारा’ घोषित करने की योजना है। मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। इसके मुताबिक उत्तराखंड सरकार ने ऐलान किया है कि हर की पैड़ी पर गंगा नदी (ganga river) का नाम बदलकर (name change) देवधारा होगा।
लेकिन सरकार के इस प्रस्ताव का तीर्थ पुरोहितों ने विरोध शुरू कर दिया है। पुरोहितों का कहना है गंगा नदी के नाम को गंगा ही रहने दिया जाए। तीर्थ पुरोहितों की महासभा ने चेतावनी दी है कि गंगा के नाम के साथ छेड़छाड़ करने पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा।
अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीकांत वशिष्ठ ने कहा कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की सरकार ने हरकी पैड़ी पर प्रवाहित हो रही गंगा का नाम बदलकर स्कैप चैनल करने का एक शासनादेश कर दिया था। जिसके खिलाफ अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने अपने अधिवेशन में इस शासनादेश को निरस्त करने का प्रस्ताव वर्ष 2016 में पारित किया था।
नाम को लेकर ये कहा कैबिनेट मंत्री ने
वशिष्ठ ने कहा कि संबंधित मांग पत्र को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मई 2018 में मुलाकात की थी। तब उनसे मांग की गई थी कि 2016 के शासनादेश को शीघ्र अति शीघ्र निरस्त किया जाए। उन्होंने बताया कि बीते शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें तय किया गया कि वर्ष 2016 का शासनादेश को पलटकर हर की पैड़ी पर प्रवावित हो रही मां गंगा के नाम को बदलकर देवधारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मां गंगा के नाम को गंगा ही रहने दिया जाए। इसके साथ छेड़छाड़ करने पर आंदोलन किया जाएगा।