Ganesh Utsav : भाद्रपाद मास भगवान गणेश के पूजन को समर्पित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी का जन्म हुआ था, इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।
भाद्रपद माह में गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक 10 दिन पूरी तरह भगवान गणेश के पूजन को समर्पित होते हैं। भगवान गणेश के भक्त इस दौरान अपने घरों और पूजा पण्डालों में गणेश प्रतिमा की स्थापना कर, विधिपूर्वक पूजन करते हैं।
गणेश उत्सव का ये समय भगवान गणेश का पूजन कर उन्हें प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम काल माना गया है। आइए जानते हैं इस दौरान भगवान गणेश को प्रसन्न करने वाले भोग के बारे में….
1-दूर्वा घास – दूर्वा घास भगवन गणेश (Ganesh Utsav) को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का सबसे सरल और उत्तम उपाय है। भगवान गणेश के पूजन में दूर्वा जरूर चढ़ानी चाहिए। दूर्वा के उपरी हिस्से की तीन या पांच पत्तियां अर्पित करने से भगवान गणेश सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।
2-मोदक – मोदक या मोतीचूर के लड्डू भगवान गणेश को सबसे ज्यादा प्रिय हैं। गणेश पूजन में भक्त गजानन को तरह-तरह के मोदक और लड्डू का भोग लगाते हैं। इसके अतिरिक्त भगवान गणेश को पीले रंग की मिठाई या घी और गुण का भोग लगाना मनोवाछिंत फल प्रदान करता है।
3- लाल-पीले फूल – भगवान गणेश को लाल और पीले रंग के फूल प्रिय हैं। उन्हें गेंदा, कनेर, गुलाब, गुड़हल के फूल चढ़ाया जाता है। हालांकी गणेश जी के पूजन में तुलसी पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए।
4- केला – भगवान गणेश को केला का प्रसाद चढ़ाने का विधान है, हालांकि गणेश जी को हमेशा केला जोड़े में चढ़ाया जाता है।
5- सिंदूर – भगवान गणेश (Ganesh Utsav) को सिंदूर का तिलक लगाना शुभ और मंगल का प्रतीक है। मान्यता है कि गणेश जी को सिंदूर अर्पित कर अपने माथे पर भी सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए, ये आपके जीवन में सुख और सौभाग्य लाता है।
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