Fraud Case : जैजैपुर से कांग्रेस विधायक बालेश्वर साहू के विरुद्ध सहकारी केंद्रीय बैंक चांपा और बम्हनीडीह शाखा से जुड़े गंभीर (Fraud Case) में अपराध दर्ज किया गया है। यह मामला उस समय का है जब साहू सेवा सहकारी समिति में प्रबंधक के पद पर कार्यरत थे। फरसवानी निवासी राजकुमार शर्मा की शिकायत पर चांपा पुलिस ने मामला पंजीबद्ध किया है। इस प्रकरण में समिति के विक्रेता गौतम राठौर को भी सह-आरोपी बनाया गया है।
जांच में सामने आई गड़बड़ी
चांपा थाना प्रभारी जेपी गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2015 से 2020 के बीच बालेश्वर साहू सेवा सहकारी समिति बम्हनीडीह के प्रबंधक थे। इसी दौरान उन्होंने शिकायतकर्ता राजकुमार शर्मा को 50 एकड़ जमीन पर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) लोन लेने की सलाह दी। इसके लिए साहू ने एचडीएफसी बैंक चांपा में उनका खाता खुलवाया। आरोप है कि उन्होंने राजकुमार शर्मा से ब्लैंक चेक हासिल कर लिए और लगभग 24 लाख रुपये अपने व पत्नी के बैंक खातों में ट्रांसफर कर लिए।
फर्जी हस्ताक्षर और अंगूठा निशान
पुलिस जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि आरोपितों ने केवल चेक के जरिए ही नहीं बल्कि राजकुमार शर्मा, उनकी मां जयंतीन शर्मा और पत्नी नीता शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर और अंगूठा निशान लगाकर करीब 42 लाख 78 हजार रुपये की अतिरिक्त निकासी भी कर ली। यह पूरा मामला सहकारी समिति से जुड़े वित्तीय लेन-देन में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की ओर संकेत करता है। (Fraud Case)
शिकायत और पुलिस कार्रवाई
राजकुमार शर्मा ने पुलिस में दी गई अपनी शिकायत में स्पष्ट कहा कि बिना जानकारी के उनके नाम पर बड़ी राशि की निकासी की गई। धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब उन्होंने बैंक रिकॉर्ड की जांच की। शिकायत को गंभीर मानते हुए पुलिस ने विस्तृत जांच शुरू की। इसके बाद विधायक साहू और विक्रेता गौतम राठौर के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
राजनीति और कानूनी मोड़
यह मामला राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील माना जा रहा है क्योंकि आरोपी वर्तमान में कांग्रेस विधायक हैं। प्रदेश में विपक्षी दल इस मुद्दे को बड़ा कर सकते हैं और इसे सत्तारूढ़ दल की छवि से जोड़ने की कोशिश की जा सकती है। वहीं पुलिस का कहना है कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष होगी और किसी भी तरह का दबाव स्वीकार नहीं किया जाएगा। पुलिस अब बैंक खातों की विस्तृत जांच, ट्रांजेक्शन की डिटेल और दस्तावेजी साक्ष्यों को इकट्ठा कर रही है।
साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि इस (Fraud Case) से जुड़े और कितने लोगों की भूमिका रही हो सकती है। अधिकारियों का कहना है कि यदि जांच में और नाम सामने आते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। यह पूरा मामला इस बात को उजागर करता है कि सहकारी समितियों और बैंकों में वित्तीय लेन-देन पर सख्त निगरानी की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की हेराफेरी को रोका जा सके। (Fraud Case)