Fourth terrorist attack in Kashmir within a week: जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने के बाद से आतंकवादी गतिविधियां तेज होना गंभीर चिंता का विषय बन गई है। एक सप्ताह के भीतर वहां आतंकवादियों ने चौथी आतंकी घटना को अंजाम दिया है।
गुलमर्ग में सेना के वाहन पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया। जिसकी वजह से सेना के तीन जवान शहीद हो गए। इन जवानों की शहादत बेकार नहीं जानी चाहिए।
भारतीय सेना और सुरक्षाबल के जवानों ने इस घटना के बाद पूरे इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले आतंकवादियों ने प्रवासी मजदूरों की भी गोली मारकर हत्या कर दी थी।
इसके अलावा भी और दो आतंकी घटनाएं हुई हैं। जिसमें एक नागरिक की मौत हुई थी और एक प्रवासी मजदूर घायल भी हुआ था। कश्मीर घाटी में एक के बाद एक हो रहे आतंकी हमले के बाद से वहां दहशत का माहौल बन रहा है।
जिसकी वजह से वहां कार्यरत प्रवासी मजदूर कश्मीर घाटी छोड़कर वापस अपने राज्यों की ओर लौटने लगे हैं। केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह कश्मीर घाटी में सक्रिय बचे खुचे आतंकवादियों के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान चलाएं ताकि आतंकवादी फिर ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न कर पाएं।
दरअसल जब से जम्मू कश्मीर में चुनाव हुए हैं। और उसमें कश्मीर के लोगों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है। इससे आतंकवादी संगठन बुरी तरह से बौखला गए हंै और वे कश्मीर घाटी में एक बार फिर दहशत फैलाने की साजिश कर रहे हैं।
उनकी यह साजिश बेशक सीमा पार से रची जा रही है लेकिन इन आतंकवादियों को स्थानीय अलगाववादी तत्वों का भी सहयोग मिल रहा है। इसीलिए वे एक के बाद एक आतंकी घटनाओं को अंजाम दे पा रहे हंै।
ऐसे आस्तीन के सांपों की पहचान कर उनका फन कुचलना भी बेहद जरूरी है। तभी कश्मीर में बचे खुचे आतंकवादियों का सफाया हो पाएगा।
उम्मीद की जानी चाहिए कि केन्द्र सरकार कश्मीर घाटी में आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने के लिए जल्द ही कड़े फैसले लेगी।