रायपुर/नवप्रदेश। Former Speaker in Aassembly : छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन के अभिभाषण पर भाजपा ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। पूर्व स्पीकर धरमलाल कौशिक ने छत्तीसगढ़ में संवैधानिक संकट का आरोप लगाया है।उन्होंने कहा कि विधानसभा में जिस प्रकार राज्यपाल से अभिभाषण पढ़वाया गया। वास्तव में आप देखेंगे तो प्रदेश में संवैधानिक संकट की स्थिति है। एक तरफ उनके खिलाफ कोर्ट जा रहे हैं। इसका मतलब यह है कि सरकार उन्हें राज्यपाल मानने के लिए तैयार नहीं है। दूसरी तरफ उनसे अभिभाषण पढ़वाया गया।
दूसरी बात यह है कि संवैधानिक संस्थाओं को चोट पहुंचाना, उन्हें अपमानित करना इस सरकार की नीयती बन गई है। जान-बूझकर सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। जब से कांग्रेस की सरकार आई है, तब से अपमानित करने का काम किया जा रहा है। जहां तक अभिभाषण की बात है तो राज्य सरकार ने अपने घोषणा पत्र को आत्मसात किया था। यह अंतिम अभिभाषण कह सकते हैं, लेकिन जिस तरह इन्होंने अंगीकृत किया था, उसके हिसाब से लोगों से वादाखिलाफी की है।छत्तीसगढ़ के विकास को ठप करने का काम इस सरकार ने किया है। सरकार के क्रियाकलाप से लोगों में निराशा है।
कौशिक ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन (Former Speaker in Aassembly) के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के अपमान का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तीन दिन का महाधिवेशन हुआ। इस दौरान खरगे भी यहां थे, लेकिन जब फूल बिछाने की बारी आई तो वे कहीं नहीं दिखे। अब यह बात आ रही है कि जिस फूल को पैरों तले कुचला और रौंदा गया, उससे गुलाल बनाकर चेहरे पर लगाना चाहते हैं। यह सरकार छत्तीसगढ़ को क्या दिखाना चाहती है?