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प्रदेश सरकार धान खरीदी 1 नवंबर से करे और किसानों से अपराधियों जैसा व्यवहार न करे : अभिषेक

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Former MP Abhishek Singh

-भाजपा ने दिया चारो ब्लाक मुख्यालय में एक दिवसीय धरना, राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

कवर्धा/नवप्रदेश। पूर्व सांसद अभिषेक सिंह (Former MP Abhishek Singh) ने लोहारा के धरना प्रदर्शन (Lohara’s picket performance) में कार्यकर्ताओं और किसानों (Workers and farmers) को संबोधित करते हुए कहा कि अब केंद्र सरकार ने केंद्रीय पूल में पिछले वर्ष की तुलना में डेढ़ गुना अधिक यानी 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की घोषणा की है।

इसलिए प्रदेश सरकार को अब किसानों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदने की घोषणा करनी चाहिए क्योंकि 60 लाख मीट्रिक टन चावल के लिए लगभग 90 लाख मीट्रिक टन धान की जरूरत होगी। केंद्र सरकार ने चावल की मद में प्रदेश सरकार को 09 हजार करोड़ रुपए की राशि भी हाल ही में दी है।

वादों को पूरा करने की मांग

भारतीय जनता पार्टी ने जिले के चारो ब्लॉक मुख्यालय में एक दिवसीय धरना देकर राज्य सरकार से खेती-किसानी, धान खरीदी और किसानों से किए गए सभी वादों को पूरा करने की मांग की । धरना प्रदर्शन के पश्चात मॉंगों को लेकर राज्यपाल के नाम से एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा।

पूर्व सांसद अभिषेक सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के फैसलों का पूरा लाभ किसानों को देकर प्रदेश सरकार इस वर्ष धान खरीदी का काम भाजपा शासनकाल की तरह ही 01 नवंबर से प्रारंभ करे और पिछले वर्ष की तरह किसानों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार न करे।

श्री सिंह ने कहा कि चालू खरीफ सत्र का धान लगभग तैयार हो चुका है और बहुत जल्द फसल की लुआई शुरू हो जाएगी, लेकिन प्रदेश सरकार ने अभी पिछले वर्ष के धान के समर्थन मूल्य का ही पूरा भुगतान नहीं किया है और जिससे किसानों को काफी दिक्कतों से दो-चार होना पड़ रहा है।

24 घंटे के भीतर किसानों के पूरे भुगतान की व्यवस्था

प्रदेश सरकार अपने नेताओं के जन्मदिन-पुण्यतिथि पर किसानों को उनकी उपज का मूल्य टुकड़ों-टुकड़ों में देकर अन्नदाता किसानों का घोर अपमान करने से बाज आए क्योंकि भाजपा शासनकाल में 24 घंटे के भीतर किसानों के पूरे भुगतान की व्यवस्था थी।

उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार फिजूल की सियासी नौटंकियाँ करने के बजाय संघीय ढाँचे का सम्मान करते हुए नए कृषि कानूनों का क्रियान्वयन कर किसानों के खाते में उनकी फसल की पूरी कीमत 72 घंटे में एकमुश्त जमा करने की व्यवस्था सुनिश्चित करे और यह भी घोषणा करे कि इस कानून के मुताबिक इस साल से किसानों पर धान के परिवहन व भंडारण के नाम पर कोई अत्याचार नहीं किया जाएगा।

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