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Forest department negligence: दलदल में फंसी हथनी की दर्दनाक मौत

forest department negligence, female elephant dies

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कोरबा/नवप्रदेश। वन विभाग की लापरवाही (forest department negligence) की वजह से एक हथनी (female elephant dies) की मौत हो गई। यह हथनी दलदल में फंसी (trapped in a bog) थी। मामला कटघोरा वन मंडल के अंतर्गत केंदई वन परिक्षेत्र का है।

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यहां केन्दई वनपरिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत कुल्हरीया के आश्रित मोहल्ला बनखेता पारा में एक दलदलनुमा खेत में हथनी (female elepant dies) फंसी थी। यह हथनी मंगलवार से ही दलदल में फंसी थी (trapped in a bog), लेकिन इसे बचाने की कवायद तब शुरू हुई, जब ग्रामीणों की नजर उस पर पड़ी।

rescue operation for female elephant

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गुरुवार देर शाम तक वन विभाग की ओर से जेसीबी की मदद से हथनी को निकालने के प्रयास होते रहे, लेकिन सफलता नहीं मिली। और आखिरकार शुक्रवार की दोपहर हथनी ने दम तोड़ दिया।

वन विभाग की लापरवाही (forest department negligence) इसलिए भी कही जा रही है क्योंिक स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि हथनी (female elephant) को निकालने का काम पहले ही शुरू कर दिया जाता तो उसकी जान बच सकती थी। हथनी झुंड में विचरण करने के दौरान इस दलदल में जा फंसी थी।

वन मंडलाधिकारी अवकाश पर, मातहतों ने डॉक्टर बुलाने में की देर

बताया जा रहा है कि वन मंडलाधिकारी अवकाश पर हैं। वहीं दूसरी ओर वन विभाग की टीम ने डॉक्टरों को जल्द बुलाने में रुचि नहीं दिखाई। जिसके कारण 48 घंटे तक हथनी दलदल में ही फंसी रही। क्षेत्र में अत्यधिक ठंड पड़ने से शुक्रवार को हथनी को सांस लेने में परेशानी होने लगी और अंतत: उसने दम तोड़ दिया।

वनिवभाग की टीम पर आश्चर्य हसलिए भी हो रहा है क्योंकि हथनी के मरने के बाद भी टीम इसके जिंदे होने का दावा करती रही। जबकि गांव वालों की मानें तो हथनी की मौत रात को ही हो गई थी। बहरहाल हथिनी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

अब तक 10 हाथियों की गई जान

वर्ष 2002 से हाथियों के मौत का सिलसिला शुरू हुआ है। अब तक 10 हाथियों की जान जा चुकी है। एक सप्ताह पहले ही इसी केंदई रेंज के पाली सलाई पहाड़ से गिरने से एक हाथी की मौत हो गई थी।

सूचना मिलते ही उड़नदस्ता घटनास्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू  में जुट गया। इलाके में पिछले कुछ दिन से 40 से 50 हाथियों के दो झुंड घूम रहे हैं। शाम ढलते ही फंसी हथनी के आसपास पूरा समूह मंडराने लगता है। ऐसी परिस्थिति में रेस्क्यू टीम पर भी खतरा बना रहता है। दलदल के आसपास मिट्‌टी भरी गई, तािक हाथिनी को निकालने में आसानी हो। हथनी को निकालने का हर संभव प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। हथिनी के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।

– एपी तिवारी, एसडीओ, वनमंडल कटघोरा

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