दंतेवाड़ा। Leopard skins smuggling: दंतेवाड़ा जिले में पातररास गांव में शिक्षक सन्तोष जायसवाल के घर से वन्यप्राणी तेंदुआ की खाल दंतेवाड़ा वन विभाग ने मुखबीर की मदद से बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार किया था। जिसने अपना जुर्म कबूलते हुये 25 हजार रुपये में तेंदुआ की खाल खरीदने की बात भी कबूली थी।
वन विभाग ने आरोपी शिक्षक सन्तोष जायसवाल से जब पूछताछ की तो मामले की परत दर परत खुलासा हुआ। दरअसल आरोपी शिक्षक ने तेंदुआ (Leopard skins smuggling) की खाल बेचने वाले जोगा राम व जोगराम को बस्तर जिले के बुरगुम थाने सनकू पदामी वाहनपुर निवासी ने बेचा था। आरोपी शिक्षक के साथ गीदम निवासी जुड़ूम उर्फ चंदूलाल सतनामी ने मिलकर तेंदुआ की खाल खरीदा था।
सभी आरोपियों को फारेस्ट विभाग दंतेवाड़ा ने वन्यप्राणी जीव संरक्षण अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर दंतेवाड़ा न्ययालय में पेश कर आगामी 29 अप्रैल तक न्यायिक रिमांड में ले जेल दाखिल कर दिया है।
जानकारी के लिए यह भी बता दे कि वन्यप्राणी के खाल तस्करी (Leopard skins smuggling) का दंतेवाड़ा जिले में यह कोई नया मामला नही बीते महीने भर पहले ही एनएमडीसी प्रोजेक्ट माइन्स एरिया के जंगलो से बाघ का शिकार कर उसकी खाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तस्कर बेचने की तैयारी में थे। जिस प्रकरण में वन अमले ने कई तस्करों की गिरफ्तारियां कर मामले से पर्दा उठाया था।