नई दिल्ली। Digital Campaign : भारत निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों के 690 सीटों के लिए उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंक दिया है। इसके बाद सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने जीत के लिए जमकर कमर कस लिया।
इस बार पांचों राज्यों में होने वाले चुनाव में कोरोना के तीसरे लहर का खौफ तो है लेकिन इससे इतर दलगत जीत के लिए कोई नेता पीछे नहीं है। हालांकि कोरोना के साए में इससे पहले बिहार, बंगाल सहित कई राज्यों के चुनावों हो चुके हैं लेकिन इस बार पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में चुनाव आयोग ने काफी सख्त निय बनाते हुए सभी दलों को पारंपरिक सभाओं, रोड शो और नुक्कड़ सभाओं के लिए रोक लगा दिया है। जनता पिछले चुनावों में अपने नेताओं को करीब से देखती रही है। मगर पहला चुनाव है जो डिजिटल ढंग से लड़ा जाएगा। यह कितना कामयाब होगा, यह वक्त बताएगा।
देश के सबसे बड़े प्रदेश, उत्तरप्रदेश में 403 विधानसभा सीटें हैं। उत्तरप्रदेश चुनाव शुरू से ही ख़ास रहा है। माना जाता है कि दिल्ली की सत्ता में काबिज होने की चाबी यहीं से मिलती है। इस लिहाज से आने वाले चुनावों की दशा और दिशा भी यहीं से ही तय होगा।
चुनाव में नहीं होगा कोई रोड शो और रैली
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि राजनीतिक दलों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि वह अपना कैंपेन डिजिटल (Digital Campaign) तरीके से करें। चुनाव प्रचार के डिजिटल माध्यम को देखते हुए उम्मीदवारों के लिए चुनावी खर्च की सीमा भी बढ़ाई गई है। CEC की माने तो 15 जनवरी तक कोई भी चुनावी रैली, रोडशो, पदयात्रा या साइकिल यात्रा नहीं होगी। रात 8 बजे से सुबह 8 बजे तक कोई चुनाव रैली नहीं की जाएगी। सार्वजनिक स्थानों पर कोई नुक्कड़ सभा नहीं होगाी। मतगणना के बाद कोई भी विजय जुलूस की इजाजत नहीं होगी। कोरोना नियमों का पूरी तरह कड़ाई से पालन कराया जाएगा, इसके लिए निर्वाचन अधिकारियों को कार्रवाई के अधिकार भी दिए गए हैं। वहीं 15 जनवरी के बाद चुनाव आयोग कोरोना संक्रमण को लेकर हालातों की समीक्षा करेगा, उसके बाद यदि संक्रमण की रफ्तार में कमी देखि गई तो ही रोक पर छूट मिलने की सम्भवना होगी।
ऐसे होंगे विधानसभा चुनाव
चुनाव आयोग ने शनिवार को 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव (Digital Campaign) की तारीखों का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव सम्पन्न काया जायेगा,जिसमे 10 फरवरी को पहले चरण, 14 फरवरी को दूसरे चरण, 20 फरवरी को तीसरे चरण, 23 फरवरी को चौथे चरण, 27 फरवरी को पांचवें चरण, तीन मार्च को छठे चरण और 7 मार्च को सातवें चरण का मतदान होगा। इसके अलावा पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक चरण में 14 फरवरी को वोटिंग होगी। मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और 3 मार्च को वोट डाले जाएंगे। वहीं सभी पांच राज्यों में 10 मार्च को एक साथ मतगणना होगी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की 403, पंजाब की 117, उत्तराखंड में 70, मणिपुर में 60 और गोवा में 40 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होने जा रहा है। इन पांच राज्यों में 18 करोड़ 34 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। राजनीतिक दलों को बहुमत साबित करने के लिए उत्तरप्रदेश में 403 सीट में 202, उत्तराखंड में 70 सीटों में 36, पंजाब में 117 सीट में 59, गोवा में 40 सीट में 21 और मणिपुर में 60 सीट में 31 सीट पाना जरुरी होगा।