टोक्यो।टोक्यो पैरालम्पिक (Paralympic) में पांच देश डेब्यू करेंगे जबकि 162 देशों और शरणार्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने उद्घाटन समारोह के दौरान परेड में हिस्सा लिया।
टोक्यो से पैरालम्पिक में डेब्यू करने वाले देशों में भुटान, मालदीव, ग्रेनाडा, पराग्वे, सेंट विंसेंट और ग्रेनाडिनेस शामिल हैं। कुल 21 देशों ने इस साल पैरालम्पिक में कोरोना के कारण यात्रा प्रतिबंधों या खेलों के लिए किसी भी एथलीट के क्वालीफाई नहीं करने को लेकर शामिल नहीं होने का फैसला किया है।
कोई एथलीट नहीं होने के बावजूद उद्घाटन समारोह में अफगानिस्तान के झंडे को शामिल किया गया है। अफगानिस्तान के एथलीट देश में तालिबान के कब्जे के कारण उपजे तनावपूर्ण माहौल की वजह से इसमें हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं।
जकिया खुदादादी, जो ताइक्वांडो में पैरालम्पिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाली अफगानिस्तान (Paralympic) की पहली महिला एथलीट हैं, और कुछ राष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति (एनपीसी) के अधिकारी तालिबान के देश पर कब्जा करने के कारण उपजे हालात की वजह से खेलों में शामिल नहीं हो सके। अफगानिस्तान से और वहां के लिए फ्लाइट की आवाजाही नहीं होना टोक्यो में इन लोगों के शामिल नहीं होने का अहम कारण रहा।
अंतरराष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति (आईपीसी) ने इन एथलीटों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए जो पैरालम्पिक में भाग नहीं ले सके, अफगानिस्तान के झंडे को शामिल करने का फैसला किया। आईपीसी ने संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त के प्रतिनिधि को ध्वजवाहक के रूप में कार्य करने के लिए यहां आमंत्रित किया।
परेड के हिस्से के रूप में शरणार्थियों की टीम ने सबसे पहले स्टेडियम (Paralympic) में प्रवेश किया। शरणार्थी पैरालम्पिक टीम अपने दूसरे खेलों में भाग ले रही है। प्रतिभागियों की संख्या अभी भी 2016 में रियो डी जनेरो की तुलना में अधिक है और 2012 में लंदन में आयोजित 164 से दो कम है।