छत्तीसगढ़ से चिंतामणि ने संस्कृत में तो बाकियों ने हिंदी में ली शपथ, किसी ने भी छत्तीसगढ़ी भाखा में नहीं लिए शपथ
रायपुर/नवप्रदेश। First Session Of 18th Lok Sabha : 18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार से शुरू हुआ। मोदी के बाद उनकी कैबिनेट के लोकसभा सांसदों ने शपथ ली। रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भी पद की शपथ ली। छत्तीसगढ़ के हमारे 11 सांसदों ने ऐसे ली शपथ की लगा नहीं छत्तीसगढ़ को कोई रिप्रेजेंट कर रहे हों। शपथ के बाद 9 सांसदों आसंदी को हाथ जोड़ा तो दुर्ग सांसद विजय बघेल और बृजमोहन बृजमोहन ने आसंदी से शेकहैंड किया। बता दें कि सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लंच के बाद सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई।
सबसे पहले सदन में राष्ट्रगान हुआ, उसके बाद पिछले सदन के दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद पीएम मोदी ने लोकसभा सदस्य की शपथ ली। भाजपा छत्तीसगढ़ के सभी सम्मानीय सांसद गण के अलावा छत्तीसगढ़ से एकमात्र कांग्रेस की सांसद ज्योत्सना महंत ने भी शपथ लीं।
सत्र शुरू होने से पहले संसद पहुंचे PM मोदी ने कहा- देश चलाने के लिए सबकी सहमति जरूरी है। हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। संविधान की मर्यादाओं का पालन करते हुए देश को आगे बढ़ाना चाहते हैं। देश को एक जिम्मदार विपक्ष की जरूरत है।
असमी, बांग्ला, पंजाबी, बिहारी और झारखंडी बोले छतीसगढ़ी नहीं दी सुनाई
लोकसभा में शपथ के दौरान सदन में और पुरे देश में हो रहे लोकसभा सत्र के इस कार्यक्रम के प्रसारण में लाखों लोगों ने असमी, बांग्ला, पंजाबी, बिहारी और झारखंडी के साथ ही अन्य सभी क्षेत्रों की भाषा, बोलियों में सांसदों ने पूरे गर्व के साथशपथ लिए। बस एक हमारे छत्तीसगढ़ के 11 के 11 सांसदों ने एक मात्र चिंतामणि महाराज ने संस्कृत में तो बाकि सबों ने हिंदी में बोले।
आमतौर पर उल्लेखित नेतागण प्रदेश में छत्तीसगढ़िया और भाखा के लिए बेहद समर्पित दीखते हैं। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि यूपी, बिहारी, कश्मिरी, पंजाबी, असमिया, बंगाली, मलयाली, कन्नड़, तेलगू समेत अन्य भाषाएं बोलने वाले सांसदों को याद था हमारे 11 छत्तीसगढ़िया में शपथ लेते तो हमारी क्षेत्रीय पहचान को और बड़ा आयाम मिलता।