गोरखपुर/नवप्रदेश। Fined by Court : गोरखपुर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से लिया गया नमूना फेल होने का असर वर्षों बाद नजर आया है। दूध में पानी मिलाने के एक मामले में बेलघाट के एकौना बुजुर्ग निवासी दूधिया सभाजीत यादव को 12 साल बाद सजा मिली है। बांसगांव सिविल कोर्ट ने एक साल का कारावास की सजा देने के साथ दो हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना जमा न करने पर एक महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। यह फैसला 19 दिसंबर को आया।
वर्ष 2010 में लिया था नमूना
सहायक आयुक्त खाद्य कुमार गुंजन (Fined by Court) ने बताया कि तत्कालीन खाद्य सुरक्षा निरीक्षक चंद्रभानु ने जांच अभियान के तहत 24 फरवरी 2010 को सिकरीगंज तिराहे के पास बाइक से दूध वितरित करने जा रहे सभाजीत को रोककर दूध का नमूना लिया था। इस दौरान सभाजीत से भैंस के दूध का नमूना लिया गया था। जिसके बाद प्रयोगशाला में जांच करने पर यह नमूना फेल पाया गया। दूध में पानी मिलाने की पुष्टि हुई। इसके बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से बांसगांव में सिविल जज जूनियर डिवीजन के यहां पीएफ एक्ट के तहत वाद दाखिल किया गया। इस मामले में 12 वर्ष तक मुकदमा चला और अंतत: सभाजीत दोषी पाए गए।
35 कारोबारियों पर लगाया गया 4.20 लाख जुर्माना
जांच में नमूने फेल मिलने पर खाद्य सुरक्षा विभाग ने नवंबर महीने में 35 खाद्य कारोबारियों पर 4.20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा जांच के दौरान बिस्किट, फाफड का आटा, कैंडी, फलाहरी नमकीन, दूध, मिल्क केक, भैंस का दूध, छेने की मिठाई, बेसन, पनीर आदि के नमूने लिए गए थे। सहायक आयुक्त खाद्य ने बताया कि मिलावटखोरी के विरुद्ध लगातार अभियान जारी (Fined by Court) रहेगा।