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Female harassment: सुखद गृहस्थ के लिए आपसी सामंजस्य महत्वपूर्ण : डॉ. नायक

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Dr Kiranmayi Nayak

बार-बार शिकायत कर परेशान करने के प्रकरण में अनावेदक ने मांगी माफी

महिला आयोग की अध्यक्ष ने महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रकरणों पर जन-सुनवाई की

रायपुर। Female harassment: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने मंगलवार को जांजगीर में महिला उत्पीडऩ से संबंधित प्रकरणों पर जन-सुनवाई की। सुनवाई में 21 प्रकरण रखे गये थे। जिसमें एक प्रकरण सुनवाई के पूर्व रजामंदी होने के कारण नस्तिबद्ध किया गया।

इसी प्रकार 8 प्रकरणों को भी रजामंदी एवं सुनवाई योग्य नही होने के कारण नस्तीबद्ध किया गया। डॉ.श्रीमती नायक ने महिलाओं को समझाईश देते हुए कहा कि घरेलू, अपसी मनमुटाव (Female harassment) का समाधान परिवार के बीच किया जा सकता है। घर के बड़े बुजुर्गों का सम्मान एवं आपसी सामंजस्य सुखद गृहस्थ के लिए महत्वपूर्ण है।

कलेक्टर सभाकक्ष में आयोजित सुनवाई में मुख्य रूप से महिलाओं से मारपीट, मानसिक प्रताडऩा, कार्यस्थल पर प्रताडऩा, दहेज प्रताडऩा, शारीरिक प्रताडऩा से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की गई। सुनवाई के दौरान कलेक्टर यशवंत कुमार, एसपी पारूल माथुर सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

चांपा की महिला प्राध्यापक आवेदिका ने अनावेदक के खिलाफ मानसिक प्रताडऩा (Female harassment) की शिकायत की थी। जिसमें अनावेदक द्वारा बार-बार शिकायत करने का उल्लेख किया गया था। इस प्रकरण से संबंधित मामला उच्च न्यायालय लंबित है।

अध्यक्ष द्वारा अनावेदक को समझाइस देने पर स्वीकारतें हुए माफी मांगी और भविष्य में शिकायत नही करनें एवं न्यायालय के आदेश को स्वीकारने के लिए सहमत हुए। एक अन्य प्रकरण में महिला ने अपने पति से मानसिक प्रताडऩा की शिकायत में भरण पोषण की मांग की थी।

अध्यक्ष द्वारा समझाने पर अनावेदक ने पत्नि को नियमित भरण पोषण 15 हजार रूपए हर माह बैंक अकाउन्ट में भेजना स्वीकार किया। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने मानसिक प्रताडऩा की शिकायत की थी। दोनो पक्ष की सुनावाई के पश्चात ग्राम पंचायत के विभागीय जांच का प्रकरण पाया गया।

इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ को जांच कर दो माह के भीतर आयोग को सूचना देने के लिए कहा गया। अन्य दो प्रकरण में पुलिस अधीक्षक को पत्र जारी कर रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।

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