नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को लेकर बड़े सुधारों का संकेत दिया है। इंश्योरेंस सेक्टर को 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोला जा सकता है। शुरुआत इंश्योरेंस इंटरमीडियरीज सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआई की इजाजत से हो रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने पहले बजट भाषण में मीडिया, एविएशन, इंश्योरेंस और सिंगल ब्रैंड रिटेल जैसे सेक्टरों में एफडीआई से जुड़े नियमों में ढील का संकेत दिया।
वित्त मंत्री ने कहा कि दुनियाभर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में पिछले 3 साल के दौरा गिरावट आने के बावजूद भारत में 2018-19 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 6 प्रतिशत बढ़कर 64 अरब डॉलर से अधिक रहा है। सरकार भारत को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए आकर्षक स्थान बनाने के प्रयास जारी रखेगी।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार एविएशन (विमानन), मीडिया, बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने के मामले में संबंधित पक्षों के साथ बातचीत के बाद फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि इंश्योरेंस इंटरमीडियरीज यानी बीमा मध्यस्थ क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी जाएगी।
फिलहाल, एफडीआई पॉलिसी के तहत अभी बीमा सेक्टर में 49 प्रतिशत एफडीआई की इजाजत है। इंश्योरेंस ब्रोकर्स को फाइनैंशल सर्विसेज इंटरमीडियरीज के तौर पर देखा जाएगा और इसमें 100 प्रतिशत एफडीआई की इजाजत होगी। इसी तरह मीडिया सेक्टर में एफडीआई की सीमा 26 प्रतिशत है, जिसे बढ़ाया जा सकता है।