Farmers reject govt proposal : किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया कि उन्हें संशोधन का प्रस्ताव नहीं कानूनों की वापसी चाहिए
नई दिल्ली। Farmers reject govt proposal : कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन केे 14वें दिन बुधवार को केंद्र सरकार ने सिंघु बॉर्डर पर किसानों को 20 पेज का प्रस्ताव भेजा। इसके बारे में केंद्र ने कहा था कि ये किसानों की मंशानुरूप कानूनों में संशोधनों का प्रस्ताव है। लेकिन किसानों ने इसे ठुकरा दिया।
किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को भारत के किसानों (Farmers reject govt proposal) व किसानों के बंद को समर्थन करने वाली जनता का अपमान बताया। किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया कि उन्हें संशोधन का प्रस्ताव नहीं कानूनों की वापसी चाहिए। किसान नेताओं ने यह भी कहा कि अब आंदोलन को और तेज किया जाएगा। 12 दिसंबर तक सड़के व टोल प्लाजा जाम किए जाएंगे।
जबकि 14 दिसंबर को देश भर में धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इस पहले सरकार का मसौदा हाथ में आने पर बीकेयू राज्य अध्यक्ष ने कहा था कि हम भारत सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर विचार-विमर्श करने जा रहे हैं। उसके बाद आगे की बात होगी। लेकिन बाद में किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंंस कर अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया। कई दौर की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद किसानों को यह प्रस्ताव भेजा गया है। तीनों कानून वापस लेने की मांग पर अड़े किसान क्या सरकार के इस प्रस्ताव को मानेंगे, यह अब सबसे बड़ा सवाल है।