-दिल्ली की ओर आ रहे किसानों को चिल्ला बॉर्डर पर रोकना पुलिस के सामने चुनौती है
नई दिल्ली। Farmer Protest: संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में हजारों किसानों का मार्च दिल्ली की ओर कूच करेगा। किसानों और अधिकारियों के बीच बैठक बेनतीजा रहने पर किसानों ने विरोध का रुख अपना लिया है। किसान लंबे समय से नोएडा में सरकारी अधिकारियों का घेराव कर रहे हैं। किसानों की मांगों को लेकर रविवार को बैठक बुलाई गई। लेकिन मांगें न माने जाने पर किसानों ने ‘चलो दिल्ली का नारा बुलंद किया।
किसानों के आंदोलन (Farmer Protest) के चलते नोएडा और दिल्ली पुलिस अलर्ट मोड पर है। दिल्ली की सीमा पर चौकस सुरक्षा व्यवस्था कर दी गई है। जगह-जगह बैरिकेड लगाए जा रहे हैं। किसान नेताओं को नजरबंद रखा जा रहा है। दिल्ली की ओर जाने वाली सड़कों पर ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है। चिल्ला बॉर्डर पर गाडिय़ां फंसी हुई हैं। दिल्ली की ओर आ रहे किसानों को चिल्ला बॉर्डर पर रोकना पुलिस के सामने चुनौती है। यहां सुबह से ही भारी भीड़ देखी जा रही है।
क्या हैं किसानों की मांगें?
नए भूमि अधिग्रहण कानून के मुताबिक 1 जनवरी 2014 से अधिग्रहीत जमीन पर 4 गुना मुआवजा दिया जाना चाहिए। गौतमबुद्ध नगर में 10 साल से सर्किट रेट नहीं बदला है। नये भूमि अधिग्रहण कानून का लाभ जिले में लागू किया जाये। भूमि अधिग्रहण के लिए 10 प्रतिशत विकसित भूखंड प्रतिफल के रूप में दिया जाना चाहिए। 64.7 फीसदी की दर से मुआवजा दिया जाए। किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्विकास में लाभ दिया जाए। हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को लागू करें।
कब से शुरू हुआ आंदोलन?
नोएडा से किसान (Farmer Protest) आज दिल्ली की ओर आएंगे। किसान नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। 27 नवंबर को किसानों ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के खिलाफ प्रदर्शन किया था। 28 से 1 दिसंबर तक यमुना विकास प्राधिकरण के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया। किसानों की मांगों को लेकर अधिकारियों से बातचीत चल रही थी। रविवार को किसानों और प्राधिकरण अधिकारियों के बीच उच्च स्तरीय बैठक हुई। किसानों की मांगें नहीं मानी गईं। इसके बाद किसानों ने दिल्ली की ओर मार्च करने का फैसला किया।
इस मार्च में गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, आगरा समेत 20 जिलों के किसान शामिल होंगे। किसानों के मार्च के मद्देनजर पुलिस ने बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी है। दिल्ली के चारों ओर कड़ी सुरक्षा है। दिल्ली की सीमाओं पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं और जांच के बाद ही प्रवेश की इजाजत दी जा रही है।