सरकार हर विषय पर चर्चा को तैयार-पीएम
नई दिल्ली। Farm Laws Repeal : संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन सोमवार को तीनो कृषि कानूनों की वापसी को मंजूरी मिल गई है। लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी तीन कृषि कानूनों की वापसी पर मुहर लग गई है। अब बिल वापसी पर केवल राष्ट्रपति के मुहर लगने का इंतजार है। लोकसभा और राज्यसभा से बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास हस्ताक्षर के लिए भेज दिया गया है।
कृषि कानूनों की वापसी पर राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने का मौका दिया गया। कानूनों की वापसी को लेकर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उपचुनावों में हार के चलते सरकार ने इन कानूनों की वापसी का फैसला लिया है। विपक्ष एमएसपी पर कानून बनाने और आंदोलन के दौरान मरे किसानों को मुआवजा देने की मांग पर अड़ा हुआ है।
संसद की गरिमा का भी रखा जाए ध्यान- प्रधानमंत्री मोदी
सत्र की शुरुआत से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी दलों से सदन में शांति पूर्वक सवाल जवाब करने की अपील की। पीएम नरेंद्र मोदी ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि सरकार सभी मुद्दे पर खुली चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने सदन में देशहित और राष्ट्रहित पर चर्चा की बात कहते हुए कहा कि संसद में सवाल भी हो और शांति भी होनी चाहिए। विरोधी दलों से सदन को सुचारू रूप से चलने देने की अपील करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के खिलाफ जितनी आवाज बुलंद करनी चाहिए, विरोधी दल करें लेकिन इसके साथ ही उन्होंने सभी से संसद की गरिमा का भी ध्यान रखने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और इसे लेकर देश भर में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। उन्होंने संसद के इस सत्र को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि हम चाहेंगे कि ये सत्र और आगे आने वाला सत्र भी आजादी के दीवानों की भावना के अनुकूल चले । संसद में देशहित (Farm Laws Repeal) की चचार्एं हो । उन्होंने कहा कि संसद का मानदंड यह नहीं हो सकता कि किसने काम रोक दिया बल्कि संसद का मानदंड यह होना चाहिए कि कितने घंटे काम हुआ , कितना सकारात्मक काम हुआ।
कोरोना के रिकॉर्ड टीकाकरण का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने नए वेरिएंट को लेकर सबसे सतर्क रहने की भी अपील की।
MSP लिए बिना नहीं हटेंगे किसान
कृषि कानूनों की वापसी (Farm Laws Repeal) कर केंद्र सरकार ने किसानों के पक्ष में एक कदम बढ़ाया है। इसके बावजूद आज भी गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के आंदोलनकारियों ने घर वापसी से इनकार कर दिया है। किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘सरकार के द्वारा एमएसपी पर कोई बात न करना यानी इससे बचते हुए दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि किसान एमएसपी समेत तमाम अन्य मुद्दों पर किसी चर्चा के बिना आंदोलन से नहीं हटेगी। टिकैत ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा से तीन कानूनों की वापसी के बिल पारित होने को हम उन 750 किसानों को समर्पित करते हैं, जो आंदोलन करते हुए शहीद हो गए।