नई दिल्ली/बिजनेस डेस्क। EPFO Increase Breaking : संगठित क्षेत्र में काम करने कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। सरकार की ओर से ईपीएफ खाते पर दी जाने वाली ब्याज दर तय कर दी है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर 8.15 प्रतिशत निर्धारित की गई है। पिछले साल ईपीएफ पर ब्याज दर 8.10 प्रतिशत थी।
बता दें, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़े निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) द्वारा की गई बैठक के बाद ब्याज दर तय की गई है।
वित्त वर्ष 2021-22 में EPFO ने ईपीएफ पर ब्याज घटाकर 8.1 प्रतिशत कर दिया था, जो कि चार दशक का सबसे निचला स्तर था। इससे एक साल पहले यानी कि 2020-21 में ईपीएफ पर ब्याज 8.5 प्रतिशत थी। इस तरह यह 1977-78 के लिए ईपीएफ की ब्याज दर 8 फीसदी के बाद 2021-22 दूसरा सबसे कम ब्याज दर वाला साल था।
कब आएगी खाते में ब्याज
ईपीएफओ से जुड़े सभी निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था सीबीटी की ओर से ईपीएफ में जमा पर वित्त वर्ष 2022-23 के लिए दी जाने वाली ब्याज दर के निर्णय को वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाएगा।
जैसी ही इसे मंत्रालय से मंजूरी मिल जाती है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ब्याज को पूरे देशभर में मौजूद पांच करोड़ ईपीएफ सब्सक्राइबर्स के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
बता दें, ईपीएफओ सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही (EPFO Increase Breaking) अपने सब्सक्राइबर्स के खाते में ब्याज को क्रेडिट करता है।
पिछले दशक में EPF पर ब्याज
- वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दर – 8.50 प्रतिशत
- वित्त वर्ष 2018-19 के लिए ब्याज दर – 8.65 प्रतिशत
- वित्त वर्ष 2017-18 के लिए ब्याज दर – 8.55 प्रतिशत
- वित्त वर्ष 2016-17 के लिए ब्याज दर – 8.65 प्रतिशत
- वित्त वर्ष 2015-16 के लिए ब्याज दर – 8.80 प्रतिशत
- वित्त वर्ष 2014-15 के लिए ब्याज दर – 8.75 प्रतिशत
- वित्त वर्ष 2013-14 के लिए ब्याज दर – 8.75 प्रतिशत
- वित्त वर्ष 2012-13 के लिए ब्याज दर – 8.50 प्रतिशत
- वित्त वर्ष 2011-12 के लिए ब्याज दर – 8.25 प्रतिशत
(एजेंसी इनपुट के साथ)