Enteritis: रोग में दस्त लग जाने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। अतः तरल पदार्थों का सेवन अधिकाधिक करते रहना चाहिए। किसी भी प्रकार की पीड़ानाशक औषधियां न खायें, वरना हालत बिगड़ जाने का भय रहता है।
- आन्त्रशोथ (Enteritis) का उपचार- नमक और चीनी का घोल बनाकर पियें।
- यदि उल्टियां आती हों तो 15-20 मिनट के अन्तराल से तुलसी के पत्तों की चाय बनाकर पीनी चाहिए।
- दूध का सेवन न करें, दस्त में दूध का सेवन हानिकारक होता है – बिना चीनी मिश्रित किये फलों का रस पियें या एक लीटर रस में एक छोटा चम्मच नमक मिश्रित कर सेवन करें।
यह रोग छूत (Enteritis) के समान दूसरों को अत्यन्त सरलता के साथ लग जाता है। इसलिए शौच से वापस आने पर प्रत्येक बार हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोयें।
10 मूंग की दाल का सूप, खील, खीरा, ककड़ी, करेला, परवल,कच्चा केला, केले के फूल, सफेद पेठा, अनार और गाय का दूध बहुत लाभदायक पदार्थ माने गये हैं।