कई महीनों से हाथियों के दल करीब 60.70 एकड़ खेतों को किया बर्बाद
चारामा/नवप्रदेश। Elephant Terror : चारामा क्षेत्र में एक बार फिर हाथियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। कुछ दिनों पहले हाथियों के दल ने भानूप्रतापपुर क्षेत्र में भारी उत्पात मचाकर फसलों व अनेक घरों को नुकसान पहुंचाया था। अब हाथियों का दल चारामा विकासखंड के ग्राम ढेडकोहका, काशवाहि, चितवापारा में पहुंच चुका है। आपको बता दें कि कई महीनों से हाथियों के दल करीब 60.70 एकड़ खेतों के फसलों को बर्बाद किया है।
देर रात भाग कर बचायी जान
काशवाहि चितवापारा में हाथियों (Elephant Terror) ने घरों वे बाड़ी में लगे फसलों को नुकसान पहुंचाया तो एक अन्य के घर पर हमला बोल दिया। घर वाले किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई।
जनपद सदस्य सत्कार पटेल ने बताया की 7 जुलाई की मध्य रात्रि करीब 2 बजे तीन हाथियों ने गांव के ही सदाबती कोटोपी व श्यामसुंदर धुर्वे के घरों के दीवार एवं छतों को पूरी तरह क्षतिग्रस्त किया। घरवाले अपने परिवार सहित किसी तरह हाथियों को बचकर देर रात को भागकर जान बचाई।
बाजपाई प्रकाश सिन्हा, कमलेश के बाड़ी में लगे केले वे गन्ने की फसल को भी नुकसान पहुंचाया। हाथियों के आतंक के कारण गांव के लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है।
बताया जा रहा है कि लगभग 20 से 25 हाथियों का दल अब भी गांव के समीप जंगल में मौजूद है। ग्रामीण घरों में गांव की सीमा में आग जलाकर सुरक्षा में लगे हैं।
ग्रामीणों ने की क्षतिपूर्ति की मांग
घरों के नुकसान को लेकर ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से क्षतिपूर्ति की मांग की है। हालांकि वन विभाग भी लगातार हाथियों (Elephant Terror) के दल पर नजर रखे हुए है। क्षेत्र के गांव में मुनादी कर लोगों को सर्तक किया जा रहा है। ग्रामीणों को हाथियों से दूरी बनाए रखने, हाथियों की उपस्थिति की अहसास होने पर, कोई भी व्यक्ति जंगल की ओर ना जाए और दूसरों को भी जाने से रोकने की समझाइश दे रहे है। यदि हाथियों का दल आवासीय ग्रामीण क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं तो, तत्काल वन विभाग को जानकारी दे।
दर्जनभर गांवों में मचायी तबाही
ज्ञात हो कि विकासखंड में कई महीनों से हाथियों (Elephant Terror) का दल विचारण कर रहा है। पहले नवंबर में ग्राम पूरी सालेटोला, कुरुटोला, गिधारी, रतेडीह, चमेली मैं फसलों व घरों को जबकि अक्तूबर में चारामा वन परिक्षेत्र की महानदी पार के ग्राम हल्बा सहित दर्जनभर गांव के करीब 60.70 एकड़ खेतों की फसल को बर्बाद किया। वहीं मार्च-अप्रैल में तूयेगावान, करिहा, जुनवानी, तासी में फसलों-घरों को नुकसान पहुंचा चुके हैं। हालाकिं, ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन अमला तैनात है। जंगल की ओर से गांव में प्रवेश के रास्ते में हाथियों को रोकने के लिए बैटरी व विद्युत चलित फेंसिंग कराई गई हैं।