रायपुर/नवप्रदेश। Election Contest : बीजेपी में इस वक्त कोई चेहरा नहीं दिख रहा है। जबकि पहले ऐसा कहा जा रहा था कि रमन सिंह बीजेपी के लिए स्थापित चेहरा हैं और कांग्रेस के पास कोई चेहरा नहीं है, लेकिन मतदाताओं ने कांग्रेस पर भरोसा किया और बड़े बहुमत के साथ जीत दिलाई। मगर अब ये उल्टा हो गया। क्योंकि यहां कांग्रेस के पास एक चेहरा है और विपक्ष के पास कोई चेहरा नहीं है। ऐसा कहकर राज्य के दिग्गज मंत्री टीएस सिंहदेव नेएक बार फिर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही आने वाले विधानसभा चुनाव को लीड करेंगे और मतदाता ये देखेंगे कि कांग्रेस, बीजेपी, आप, जोगी कांग्रेस और एनसीपी जैसे अन्य दलों में बेस्ट कौन है।
गौरतलब है कि साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद ही मुख्यमंत्री के के रूप में चार बड़े चेहरे को दिल्ली हाईकमान ने तलब किया था, जिनमें भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव, चरणदास महंत और ताम्रध्वज साहू सीएम पद की रेस में थे। ये बात हाल फिलहाल में मंत्री सिंहदेव ने मीडिया के सामने स्वीकार किया था। भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने के बाद सीएम की कुर्सी के लिए खींचतान यहीं खत्म नहीं हुई। बल्कि उस समय कहा यह गया कि कांग्रेस ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला छत्तीसगढ़ में लाएगी।
कई जगहों पर मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई
शुरू के ढाई साल भूपेश बघेल मुख्यमंत्री रहेंगे और फिर बारी टीएस सिंहदेव की होगी। इस बीच टीएस सिंहदेव ने भी कई जगहों पर सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी इच्छा जाहिर की थी और सरकार के साढ़े चार साल पूरे होते तक लगातार इस तरह की चर्चाएं और बयानबाजियां चलती रही। ढाई साल बीतने के बाद अब सरकार को साढ़े चार साल हो गये है, इतने सालों में छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद को लेकर भले ही कोई बदलाव नहीं हुआ लेकिन सियासी उठापटक, मंत्रियों और विधायकों की दिल्ली दौड़ सुर्खियां बनती रही।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच अनबन की (Election Contest) खबरें सामने आती रहीं। लेकिन चुनाव से ठीक पहले टीएस सिंहदेव के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल जरूर मचा दी।