वन नेशन–वन राशन कार्ड योजना के तहत रायपुर जिले में चल रहा ई-केवाईसी अभियान (EKYC Fraud Detection) अब फर्जीवाड़े का बड़ा राज़ खोलने की तरफ बढ़ रहा है। जिला प्रशासन और खाद्य संचालनालय की संयुक्त पड़ताल में ऐसे 3,500 से अधिक सदस्य सामने आए हैं, जो या तो घर पर कभी मिले ही नहीं या फिर जिनकी जानकारी संदिग्ध पाई गई है। संचालनालय ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर विशेष कमेटी बनाकर सख्त कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं।
ई-केवाईसी अभियान के विस्तार के साथ अब उन डेढ़ लाख बच्चों की भी घर-घर जांच शुरू हो गई है, जिनकी उम्र राशन कार्ड बनाते समय पांच वर्ष से कम थी। विभाग उनके आधार कार्ड अपडेट करवा रहा है ताकि आगे किसी भी फर्जी प्रविष्टि, गलत सदस्य जोड़कर लाभ लेने या अतिरिक्त यूनिट दिखाने की गुंजाइश खत्म हो सके।
नगरी निकाय क्षेत्र के 22 लाख 18 हजार सदस्यों में से 18 लाख 18 हजार का ई-केवाईसी पूरा हो चुका है, जबकि चार लाख 38 हजार लोग अभी भी सूची से बाहर हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में नौ लाख 62 हजार सदस्यों में से आठ लाख 38 हजार का अपडेट पूरा हुआ है, लेकिन एक लाख 23 हजार अब भी अपूर्ण श्रेणी में हैं। इसी बीच प्रशासन की नजर उन 3,571 संदिग्ध सदस्यों पर ठहर गई है, जिन्हें खाद्य अधिकारियों ने लंबित के रूप में दर्ज किया है— इसमें 2,048 नगरी क्षेत्र और 1,523 ग्रामीण क्षेत्र के सदस्य शामिल हैं। (EKYC Fraud Detection)
संचालनालय ने जारी किए कड़े निर्देश
फर्जी कार्डों और गलत प्रविष्टियों को लेकर विभाग ने अब सख्ती बढ़ा दी है। संचालनालय ने सभी जिलों को आदेश दिया है कि संदिग्ध सदस्यों का फिजिकल वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जाए। गलत जानकारी देने वाले कार्डधारकों को नोटिस भेजा जाएगा और वर्षों से फर्जी कार्डों के जरिए उठाए गए राशन की वसूली भी होगी। जिन राशन दुकानों या अधिकारियों की मिलीभगत सामने आएगी, उनसे राशन और राशि दोनों की रिकवरी की जाएगी।
ई-केवाईसी का वर्तमान हाल
नगरीय क्षेत्र : 22.18 लाख में से 18.18 लाख ई-केवाईसी पूर्ण
ग्रामीण क्षेत्र : 9.62 लाख में से 8.38 लाख अपडेट
कुल संदिग्ध : 3,571 सदस्य
नोटिस, घर-घर सत्यापन और फर्जी प्रविष्टियों की रिकवरी की प्रक्रिया शुरू
ई-केवाईसी अभियान पूरा होने के बाद जिले की वास्तविक पात्रता सूची और अधिक पारदर्शी व स्पष्ट हो जाएगी।

