आरटीआई कार्यकर्ता ने एफआईआर दर्ज करने थाने में की शिकायत
रामानुजगंज/नवप्रदेश। EE Corruption : जल संसाधन विभाग के ईई पर ढाई करोड़ रुपए गबन का आरोप लगा है। आरोप एक आरटीआई कार्यकर्ता ने लगाया है और बकायदा एफआईआर दर्ज करने के लिए थाने में लिखित शिकायत भी की है।
आरटीआई एक्टिविस्ट डीके सोनी ने थाने में प्रस्तुत आवेदन में उल्लेख किया है कि जल संसाधन विभाग रामानुजगंज के द्वारा जो भुगतान का उल्लेख किया गया है। वह बिना किसी आधार के मात्र बिल लेकर भुगतान किया गया जबकि किसी भी राशि के भुगतान करने की प्रक्रिया शासन के द्वारा निर्धारित की गई है। अगर किसी विभाग के द्वारा किसी भी प्रकार की सामग्री क्रय की जाती है तो भंडार क्रय नियम का पालन किया जाता है और उसके अनुसार भुगतान किया जाता है या किसी व्यक्ति विशेष को भुगतान किया जाता है, तो उसका भी मस्टर रोल तैयार होता है।
बिल प्राप्त कर भुगतान किया जाता है या किसी संस्था को भुगतान किया जाता है तो उसकी भी एक प्रक्रिया होती है। लेकिन जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता उमाशंकर राम के द्वारा फर्जी बिल (EE Corruption) वाउचर लगाकर अपने परिचित लोगों के नाम से करोड़ों रुपए का बिल निकाला गया है। जो अपराध की श्रेणी में आता है।
ईई पर पहले भी लग चुके आरोप
डीके सोनी ने थाना में दिए आवेदन में यह भी उल्लेख किया है कि ईई के खिलाफ पूर्व में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे है। आय से अधिक संपत्ति रखने के संबंध में अपराध पंजीबद्ध किया जा चुका है एवं विभाग द्वारा अंतिम प्रतिवेदन भी प्रस्तुत करने की अनुमति दी गई है इसके बाद भी उपरोक्त अधिकारी के द्वारा कोरोना कॉल, लॉक डाउन के दौरान करोड़ों रुपए का फर्जी बिल लगाकर राशि आहरित किया गया है जिसकी जांच कराकर उमा शंकर राम के विरुद्ध शासकीय राशि में घोटाला (EE Corruption) करने के संबंध में प्रथम सूचना पत्र दर्ज कराया जाना आवश्यक है।
लंबे समय से चल रहा फर्जी बिल का खेल
फ र्जी बिल लगाकर राशि आहरित करने का खेल लंबे समय से चल रहा है। आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि जब से कार्यपालन अभियंता के रूप में उमाशंकर राम की पदस्थापना रामानुजगंज में हुई है तब से लेकर लगातार अपने चहेतों के नाम से फ र्जी बिल लगाकर राशि आहरित करने का खेल चल रहा है यदि इसकी विस्तृत गहराई से जांच होगी तो कई चौंकाने वाले खुलासे होंगे।
दर्ज है 420 का मामला
डीके सोनी ने बताया कि उमाशंकर राम के विरुद्ध रामानुजगंज थाने में 420 का मामला पंजीबद्ध है जिसमें वे जमानत पर हैं वही आय से अधिक संपत्ति का भी मामला उनके विरुद्ध चल रहा है साथ ही भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं उसके बाद भी विभाग इन पर मेहरबान बना हुआ है।
पूर्व में भी उमाशंकर राम के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करने के लिए थाने में आवेदन मैंने प्रस्तुत किया था परंतु उसमें आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है जबकि इनके द्वारा पूर्व में भी करोडों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया है जो प्रमाणित है।– डीके सोनी, आरटीआई कार्यकर्ता