Education Reform Initiative : प्रदेश के सभी जिलों में अब जल्द ही माडल स्कूल (Model School Initiative) स्थापित किए जाएंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने जिला शिक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे 10 दिनों के भीतर ऐसे स्कूलों की सूची संचालनालय को प्रस्तुत करें, जिन्हें माडल स्कूल के रूप में विकसित किया जा सके। गुरुवार को मंत्रालय महानदी भवन में हुई समीक्षा बैठक में मंत्री यादव ने कहा कि राज्य के हर जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि डीएवी, इग्नाइट और पीएमश्री विद्यालयों को विशेष रूप से माडल स्कूल (Education Quality Upgrade) के रूप में विकसित किया जाएगा।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले, स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी, संचालक लोक शिक्षण ऋतुराज रघुवंशी और समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक संजीव झा सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
निश्शुल्क पाठ्यपुस्तक, गणवेश और साइकिल वितरण पर जोर
मंत्री यादव ने कहा कि नए शिक्षा सत्र शुरू होते ही निश्शुल्क पाठ्यपुस्तक, गणवेश और साइकिल का वितरण विद्यार्थियों तक स्कूल खुलते ही पहुंच जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए सभी आवश्यक प्रक्रियाएं समय रहते पूरी की जाएं।
मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान की समीक्षा
बैठक में मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान (CM Education Mission) की विस्तार से समीक्षा की गई। मंत्री यादव ने अधिकारियों से कहा कि पांचवीं, आठवीं, 10वीं और 12वीं कक्षा के बेहतर परीक्षा परिणामों के लिए शुरुआत से ही विशेष रणनीति बनाई जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस उन्हें सही अवसर और संसाधन उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।
उन्होंने न्यायालयीन प्रकरणों की अद्यतन जानकारी लेकर प्राथमिकता से निपटारे का भी निर्देश दिया। साथ ही, केन्द्रीय छात्रवृत्ति योजना, विद्यार्थियों के बैंक खाते खोलने और जाति प्रमाणपत्र जारी करने से जुड़ी समस्याओं पर विशेष चर्चा करते हुए अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए।
पेंशन और हितलाभ समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश
मंत्री यादव ने पेंशन और वेतन निर्धारण (Pension and Salary System) से जुड़े मामलों पर कहा कि किसी भी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन पाने के लिए भटकना न पड़े। इसके लिए उन्होंने निर्देश दिए कि सभी कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका और पासबुक नवंबर माह तक अपडेट कर ली जाए। मृतक कर्मचारियों के आश्रितों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर हितलाभ मिले, यह जिम्मेदारी अधिकारियों की होगी।
छात्रवृत्ति और योजनाओं की सतत मॉनिटरिंग
बैठक में छात्रवृत्ति योजनाओं, मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता कार्यक्रम, रजत जयंती कार्यक्रम और सेजेस भर्ती (Scholarship and Recruitment Drive) की स्थिति की समीक्षा की गई। मंत्री यादव ने कहा कि पात्र विद्यार्थियों तक योजनाओं का लाभ समय पर पहुंचे, इसके लिए सतत मॉनिटरिंग की जाए।
डीईओ और बीईओ कार्यालयों में लंबे समय से पदस्थ क्लेरिकल स्टाफ के स्थानांतरण और शाखा परिवर्तन के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने कहा कि कार्य का पुनः विभाजन किया जाए, ताकि कामकाज और पारदर्शी बन सके।
डिजिटल शिक्षा पर विशेष बल
मंत्री यादव ने कहा कि पीएम ई-विद्या चैनल और दीक्षा पोर्टल (Digital Education Platform) के प्रचार-प्रसार को तेज किया जाए। डिजिटल शिक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को आधुनिक संसाधनों से जोड़ना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
नई पहल और शिक्षा की गुणवत्ता
नवीन डाइट सूरजपुर और गरियाबंद में पदस्थापना की कार्यवाही की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन गंभीरता और उत्तरदायित्व के साथ करें।
बैठक में लोक शिक्षण संचालनालय, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के वरिष्ठ अधिकारी, सभी संभागीय संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक सहित बड़ी संख्या में अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री यादव ने अंत में कहा कि योजनाओं की प्रभावी क्रियान्विति सुनिश्चित होनी चाहिए, ताकि राज्य का हर बच्चा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सके।