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Editorial… धर्मान्तरण : कड़ा कानून जरूरी

Editorial... Conversions: Stringent law needed

Editorial


Editorial : देश में एक बार फिर हिन्दुओं के जबरिया धर्मान्तरण का मुद्दा गर्मा गया है। देश सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में धर्मान्तरण के एक के बाद एक कई मामले सामने आएं है। इसके बाद योगी सरकार ने धर्मान्तरण के मामलों की उच्च स्तरीय जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। जिसमें न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि देश के कई अन्य राज्यों में भी सुनियोजित रूप से चलाए जा रहे धर्मान्तरण के मामलो पर से पर्दा हटाया है।

ऐसा गिरोह भी बेनकाब हो रहा है जो लंबे समय से हिन्दुओं को प्रलोभन देकर उनका धर्मान्तरण (Editorial) कराता रहा है। इसके लिए इस गिरोह से जुड़े लोगों को विदेशों से फंडिंग हेाती है। हवाला के जरिए मोटी रकम आती है जिसका ये धर्मान्तरण के लिए उपयेाग करते है। इस सिलसिले में कई लागों की गिरफ्तारी हुई है और उनसे कड़ाई पूर्वक पूछताछ की जा रही है। उम्मीद है कि इस पूछताछ से और भी कई चौकाने वाले खुलासे होंगे और धर्मान्तरण कराने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

इस बीच कश्मीर में भी तीन सिख लड़कियों के धर्मान्तरण का मामला सामने आया है जिनका अधेड़ उम्र के लोगों से निकाह करा दिया गया। इस मुद्दे को लेकर सिख समाज भी आंदोलित हो उठा है और सिख समाज के एक प्रतिनिधि मंडल ने केन्द्रिय गृह राज्य मंत्री से मिलकर उनसे इस मामले में कड़ी कार्यवाही की मांग की है। सरकार ने आश्वस्त किया है कि धर्मान्तरण कराने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। दरअसल भारत में धर्मान्तरण का गंदा खेल लंबे समय से चलता आ रहा है।

कभी लव जिहाद के नाम पर तो कभी गरीब हिन्दु परिवारों को आर्थिक प्रलोभन देकर सुनियोजित रूप से धर्मान्तरण कराया जाता रहा है। यहा तक कि मूकबधिर बच्चों को भी नही बख्शा गया और उनका भी धर्मान्तरण करा दिया गया। बहरहाल अब पानी सिर से ऊंचा हो गया है और सरकार धर्मान्तरण के खिलाफ कड़े कानूनी प्रावधान करने के लिए बाध्य हो रही है।

संसद के आगामी मानसून सत्र में धर्मान्तरण (Editorial) का मुद्दा सत्ताधारी भाजपा के कई सांसदो ने ही जोर शोर से उठाने का एलान किया है। इससे उम्मीद की जानी चाहिए कि संसद में धर्मान्तरण के खिलाफ कड़ा कानून बनेगा और धर्मान्तरण कराने वालों को कड़ी से कड़ी सजा देने का प्रावधान किया जाएगा

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