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ED Tribunal : सीएम सोरेने के दिल्ली आवास से जब्त BMW कार को रिलीज करने का आदेश, पढ़िए न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में क्या कहा

ED Tribunal

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ED Tribunal : दिल्ली स्थित ईडी (ED Tribunal) की अपीलीय न्यायाधिकरण ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास से भूमि घोटाला मामले में जब्त की गई बीएमडब्ल्यू कार को रिहा करने का निर्देश दिया है। इस फैसले को लेकर अब राजनीतिक हलकों में भी हलचल मच गई है।

पीएमएलए (ED Tribunal) के तहत अपीलीय न्यायाधिकरण के सदस्य वी. आनंदराजन की अध्यक्षता में 25 सितंबर को पारित आदेश में कहा गया कि छह सप्ताह के भीतर वाहन छोड़ा जाए। न्यायाधिकरण ने स्पष्ट किया कि तेजी से खराब होने वाली संपत्ति को केवल आशंका के आधार पर अनिश्चितकाल तक जब्त नहीं रखा जा सकता।

यह आदेश भगवान दास होल्डिंग कंपनी की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया गया। कंपनी को निर्देश दिया गया है कि वह एक वर्ष तक इस कार को न तो बेचे और न ही किसी अन्य को हस्तांतरित करे, साथ ही उसे संचालन योग्य स्थिति (ED Tribunal) में रखे।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता कंपनी के वकीलों ने तर्क दिया कि ईडी ने इस मामले में दो अभियोजन शिकायतें दाखिल की हैं, लेकिन न तो कंपनी को आरोपी बनाया गया है और न ही इस कार को अपराध की आय घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि ईडी ने संपत्ति रिहाई से संबंधित नियमों का पालन भी नहीं किया।

वहीं, ईडी की ओर से पेश वकील ने कहा कि यह कार अपराध की आय से खरीदी गई है और जांच (ED Tribunal) अभी जारी है। लेकिन न्यायाधिकरण ने पाया कि कार की जब्ती को लगभग एक साल नौ महीने बीत चुके हैं और इस दौरान कोई ठोस सबूत नहीं मिला है जिससे साबित हो कि वाहन अवैध धन से खरीदा गया था।

न्यायाधिकरण ने अपने आदेश में कहा कि यदि भविष्य में जांच के दौरान कंपनी की संलिप्तता पाई जाती है, तो ईडी को नई अभियोजन शिकायत दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई करने की पूरी स्वतंत्रता होगी। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि अन्य जब्त उपकरण पहले ही रिहा किए जा चुके हैं।

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