ED Proceedings : १००० करोड़ रूपए के पात्रा जमीन घोटाले के मामले में उद्धव ठाकरे के खास सिपह सालार और शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत को आखिरकार ईडी ने गिरफ्तार कर ही लिया। ईडी ने उन्हे दो बार समन भेजा था लेकिन संजय राउत पूछताछ के लिए ईडी के दफ्तर नहीं पहुंचे और यह कहा दिया था कि संसद का मानसून सत्र चल रहा है जिसमे राज्यसभा सदस्य होने के नाते उन्हे उपस्थित रहना है इसलिए उन्हे कुछ और वक्त दिया जाएं।
ईडी ने उनकी यह बात नहीं मानी और सुबह सवेरे उनके घर पर ईडी (ED Proceedings) की टीम ने दस्तक दी। उनके घर पर ही ईडी की टीम ने उनसे दस घंटे तक पूछताछ की लेकिन संजय राउत ने इस पूछताछ में ईडी का सहयोग नहीं किया, नतीजतन ईडी उन्हे अपने दफ्तर ले गई और फिर उन्हे हिरासत में ले लिया।
इस बीच संजय राउत ने लगातार ट्वीट किए और केन्द्र सरकार पर ईडी का दुरूपयोग करने का ओराप लगाया। उन्होने दावा किया कि उन्हे झूठ मामले में फंसाया जा रहा है लेकिन वे झुकने वाले नहीं है और न ही वे शिवसेना छोड़ेंगे। इसपर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रतिक्रिया दी है कि संजय राउत को कोई बुला भी नहीं रहा है। जाहिर है संजय राउत ईडी कार्यवाही से बौखलाकर इस तरह की बयानबाजी कर रहे है। वैसे भी संयज राउत को विवादास्पद बयानबाजी करने में मास्टरी हासिल है।
बहरहाल संजय राउत की गिरफ्तारी के बाद शिवसेना में हड़कंप मच गया है और उद्धव ठाकरे ने पहले संजय राउत के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की और अब वे शिवसेना की आपात बैठक बुला रहे है। इधर संसद में शिवसेना की राज्यसभा सदस्य प्रीयंका चतुर्वेदी ने ईडी की कार्यवाही के खिलाफ प्रदर्शन किया है। मुंबई में भी उद्धव ठाकरे और संजय राउत के समर्थक ईडी की कार्यवाही का विरोध कर रहे है, हो सकता है वे आंदोलन भी छेड़ें। मजे की बात यह है कि संजय राउत की ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी के मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस के सुप्रीमो शरद पवार ने चुप्पी साध ली है।
जब उनसे पत्रकारों ने इस बारे में सवाल किया (ED Proceedings) तो उन्होने कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया। इसका मतलब साफ है कि संजय राउत के मामले में शरद पवार ने किनारा कर लिया है। अब संजय राउत की गिरफ्तारी के उनके जब ईडी कड़ी पूछताछ करेगी तो और भी कई चेहरे बेनकाब होंगे। देखना होगा कि ईडी की कार्यवाही में संजय राउत सहयोग करेंगे या पहले की तरह हेकड़ी दिखाएंगे। यदि वे पूछताछ में सहयोग नहीं करेंगे तो निश्चित रूप से नवाब मलिक और अनिल देखमुख की तरह की वे भी लंबे से नपेंगे।