E-Waste Management : सरकार ने ई-कचरे और कबाड़ को सिर्फ निपटाने तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे कमाई का साधन भी बना दिया। पिछले चार वर्षों में ई-कचरे और पुराने सामान की बिक्री से केंद्र सरकार को 3,296.71 करोड़ रुपये की बड़ी आमदनी हुई है। साथ ही, इस दौरान करीब 696.27 लाख वर्ग फुट कार्यालय स्थान को खाली कर उपयोग में लाया गया है।
विशेष स्वच्छता अभियान 5.0 की शुरुआत के मौके पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि इस मिशन ने प्रशासन और सार्वजनिक सेवाओं की कार्यशैली में ठोस बदलाव किए हैं। उन्होंने कहा कि केवल पुराने सामान की नीलामी ही नहीं, बल्कि फाइलों और अनुपयोगी वस्तुओं को हटाकर सरकारी दफ्तरों को बेहतर कार्यस्थल में बदला गया है।
इतने बड़े पैमाने पर हुई सफाई
अभियान के पिछले चरणों में देशभर के दफ्तरों से 137.86 लाख से ज्यादा पुरानी फाइलें (E-Waste Management) हटाई गईं। साथ ही 12.04 लाख से अधिक जगहों की सफाई कर उन्हें दुरुस्त किया गया। इस पूरी प्रक्रिया में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के साथ-साथ कई मंत्रालयों ने मिलकर काम किया।
बदलाव सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं
डॉ. सिंह ने इस दौरान श्रमदान गतिविधियों में हिस्सा लिया, “एक पेड़ मां के नाम” पहल के तहत पौधारोपण किया और दफ्तरों की फाइलों की सफाई अभियान में भी सक्रिय रूप से भाग (E-Waste Management) लिया। उन्होंने इसे स्वतंत्र भारत के शासन में एक “सफलता की अनूठी कहानी” बताया।
आगे की दिशा
2 अक्टूबर से शुरू होने वाला अभियान का अगला चरण स्वच्छता को संस्थागत रूप देने, प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने और सरकारी कार्यालयों की दक्षता बढ़ाने पर केंद्रित होगा।