नई दिल्ली, नवप्रदेश। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शनिवार को ओडिशा में थे। वे कटक में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रें स के उद्घाटन सत्र में शामिल हुए। सीजेआई ने कहा- एक जस्टिस से आप कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि वह 15 हजार पेज का रिकॉर्ड पढ़ सकता (DY Chandrachud) है।
इसलिए हमें पेपरलेस कोर्ट और वर्चुअल कोर्ट जैसे डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कोर्ट के लिए डिजिटल दूनिया के दूसरे पहलू पर भी बात की। उन्होंने कहा- आज कल ज्यादातर हाईकोर्ट यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीमिंग कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर पटना हाईकोर्ट के जस्टिस का एक क्लिप था, जिसमें वह आईएएस ऑफि सर से पूछ रहे थे कि उन्होंने सही कपड़े क्यों नहीं पहने? गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस वकील से कह रहे थे कि वह मामले के लिए तैयार क्यों नहीं है? यूट्यूब में बहुत सारी फ नी चीजें चल रही हैं, जिन्हें हमें रोकने की जरूरत (DY Chandrachud) है।
क्योंकि कोर्ट में जो होता है वह बेहद गंभीर मामला है। हम जो लाइव स्ट्रीमिंग कर रहे हैं उसका एक दूसरा पहलू भी है। एक जस्टिस के रूप में हमें सीखने की जरूरत है। कोर्ट में हम जो भी बोलते हैं, उसका ध्यान रखना होगा। क्योंकि वह जनता के दायरे में आता है।
चंद्रचूड़ ने कहा कि साइबर सुरक्षा पर हम डेटा सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी कैसे सुनिश्चित करते (DY Chandrachud) हैं। मैंने एक कमेटी बनाई है। इस कमेटी को समय लग रहा है क्योंकि यह हमारे काम का सबसे कठिन और जरूरी हिस्सा है। हम डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी के लिए एक नेशनल मॉडल डेवलप कर रहे हैं। जब भी यह पूरा होगा हम एक बड़ा मुकाम हासिल कर लेंगे।