दुर्ग-पाटन क्षेत्र के रेल लाइन के निकट प्रभावित किसानों ने गृहमंत्री को सौंपा है ज्ञापन
इसमें जमीन के बंटवारे व बटांकन पर लगी अघोषित रोक हटाने की मांग की है
दुर्ग/नप्रदेश। दुर्ग-पाटन (durg patan rail affefcted farmers) क्षेत्र के रेल लाइन के निकट प्रभावित किसानों ने अपनी जमीन (land) के बंटवारा-बटांकन, खरदी-बिक्री (sale-purchase) पर लगी अघोषित रोक (stay) हटाने के लिए गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू (chhattisgarh home minister tamradhwaj sahu)से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा है।
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जिसको गंभीरता से लेते हुए गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू (chhattisgarh home minister tamradhwaj sahu) ने दुर्ग कलेक्टर को पत्र लिखकर किसानों की समस्या का निराकरण करने के लिए कहा है। किसानों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि रेल प्रशासन ने दुर्ग, नया रायपुर, बलौदा बाजार खरसिया नये रेल कॉरिडोर निर्माण हेतु 5 सितंबर 2018 को भारत के राजपत्र में प्रारंभिक अधिसूचना प्रकाशित की थी।
इसमें जिला दुर्ग व पाटन (durg patan rail affected farmers) के 11-11 गांव की भूमि का अर्जन रेल अधिनियम 1989 की धारा 20A के तहत समाचार पत्रों में भू-अर्जन किये जाने हेतु विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। उक्त अधिनियम की धारा 20ड (3) के अनुसार प्रारंभिक अधिसूचना प्रकाशन दिनांक 5 सितंबर 2018 से 1 वर्ष के भीतर किया जाना था, ऐसा नहीं किए जाने पर रेल अधिनियम 1989 की धारा-20ड के तहत पूर्व में जारी अधिसूचना प्रभावहीन हो जायेगी ।
उक्त 1 वर्ष की अवधि 5 सितंबर 2019 को पूर्ण होकर 3 माह का अतिरिक्त समय हो चुका है, किन्तु इतने समय बीत जाने के बावजूद भी दुर्ग व पाटन में विगत 2 वर्षों से किसानों की भूमि (land) का खरीदी-बिक्री (sale-purchase) बंटवारा-बटांकन कार्य अघोषित रूप से बंद (stay) है।
तहसीलदार ने एडीएम को लिखा पत्र
तहसीलदार कार्यालय से संपर्क करने पर ज्ञात हुआ कि उन्होंने बटवारा-बटांकन की अनुमति के संबंध में मार्गदर्शन लेने हेतु दुर्ग ADM कार्यालय (सक्षम प्राधिकारी) को पत्र लिखा है। इसके परिप्रेक्ष्य में निदेशक छत्तीसगढ़ रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड रायपुर को 26 अगस्त 2019 तथा 06/12/2019 को पुनः पत्र लिखा है कि रेलवे प्रशासन द्वारा भूमि अर्जन के संबंध में अब तक क्या कार्यवाही की गई है। यदि रेलवे प्रशासन द्वारा कोई भी जानकारी नहीं दी जाती है तो अधिसूचना प्रभावहीन हो जाने से रेलवे विभाग द्वारा अग्रिम कार्यवाही नहीं किए जाने से प्रकरण नस्तीबद्ध किया जायेगा।
मूक दर्शक बना रेलवे प्रशासन
उक्त सभी प्रक्रिया में जिले में प्रभावित किसानों की खरीदी-बिक्री, बंटवारा-बटांकन जैसे समस्त आवश्यक कार्यों में अघोषित रोक लगी है, जिससे ग्रामवासी किसान इधर-उधर भटक रहे हैं। वहीं रेल प्रशासन हाथ-पर-हाथ रखे हुए मूकदर्शक बनकर बैठा हुआ है यदि शीघ्र ही उक्त समस्या का निराकरण नहीं होता है तो किसान आंदोलन करने पर मजबूर हो जायेंगे।
ज्ञापन सौंपने वाले किसानों में आईके वर्मा, झबेंद्र भूषण दास वैष्णव, मेघराज मढ़रिया, बद्रीप्रसाद पारकर, बाबूलाल साहू, प्रमोद पवांर, कल्याण सिंह ठाकुर, माधोप्रसाद साहू, मंगलूराम बघेल, वेदनाथ हिरवानी, सूरज, रमेश, परदेशी साहू, डोमार सिंह, उत्तरा पटेल, देवशरण साहू, आशीष साहू, भगवती मढ़रिया, ईश्वरी साहू, हिरदेराम साहू, हरिनारायण पटेल, एम.एल. पटेल, दीपक यादव, पंचराम साहू, युवराज चंद्राकर, कांतिलाल देशमुख, कृष्णा साहू, नरेश वर्मा आदि शामिल थे।