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Durg Municipal Corporation : शासकीय कार्यो में बाधा डालने वालों पर क्यों मेहरबान हैं विधायक

Durg Municipal Corporation: Why MLAs are kind to those who obstruct government work

Durg Municipal Corporation

दुर्ग/नवप्रदेश/विशेष संवाददाता। Durg Municipal Corporation : विगत 30 दिसंबर को दुर्ग नगर निगम में अपनी समस्याओं और नागरिक सुविधाओं के नाम पर हिन्दू युवा मंच नामक संगठन ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान मंच के कार्यकर्ताओं ने नगर निगम के मुख्य दरवाजे पर ताला मार दिया था और नगर निगम के महापौर धीरज बाकलीवाल तथा सभापति राजेश यादव के चित्र गधों पर चिपका कर घुमाया था।

इस मौके पर नगर निगम और जिला प्रशासन के सभी प्रमुख अधिकारी और पुलिस मौजूद थी लेकिन मंच के द्वारा किए जा रहे अवैधानिक कृत्यों को रोकने की कोशिश नहीं की ना ही सरकारी कार्य में बाधा डालने के लिए नगर निगम प्रशासन ने कोई कार्रवाई की है। हिन्दू युवा मंच द्वारा जो ज्ञापन सौंपा गया उसमें सबसे बड़ा आरोप नगर निगम पर निष्क्रियता का लगाया गया जो कि राजनैतिक आरोप है और इस बाबत किए गए प्रदर्शन में कार्यदिवस के रूप में जबकि पूरा निगम का स्टॉफ और नागरिक कार्यालय में मौजूद थे तब मुख्य द्वार पर लगभग दो घंटे तक बंद कर दिया गया था।

जिसका कई चैनलों ने भी सीधा प्रसारण किया था। लेकिन इस बात पर किसी कार्रवाई का नहीं करना निगम प्रशासन (Durg Municipal Corporation) की नाकामी को दर्शाता है। इस बाबत पूछे जाने पर निगम के महापौर धीरज बाकलीवाल ने कहा कि वे उस दिन मौजूद नहीं थे। इसलिए इस बाबत् कुछ नहीं कह सकते। यदि कोई अनियमितता हुई थी तो उस पर आयुक्त को कार्रवाई करनी चाहिए थी।

उन्होंने कार्यवाही क्यों नहीं की यह वे ही बता सकते हैं। इस संबंध में आयुक्त को अनेक बार फोन लगाने के बावजूद उन्होंने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। जब यह बात भी मेयर को बताई गई तो उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि उन्हें पत्रकारों के फोन उठाना चाहिए।

नगर निगम (Durg Municipal Corporation) में जब से कांग्रेस का राज आया है तब से उस पर अघोषित रूप से विधायक अरूण वोरा का कब्जा है और उनकी अनुमति के बगैर शासन-प्रशासन कोई भी कार्य करने को तैयार नहीं है। शायद इसलिए मेयर और सभापति के प्रति इतने अपमान जनक प्रदर्शन और सरकारी कार्य में डाली गई बाधा के बावजूद किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। प्रशासन का रवैय्या यहीं रहा तो इससे प्रदर्शनकारी संगठनों का मनोबन और बढ़ेगा और भविष्य में और ज्यादा असंवैधानिक गतिविधियां नजर आएंगी।

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