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गड़बड़झाला! दुर्ग में 24 लाख खर्च कर जलापूर्ति का काम, बूंद भर भी नहीं मिला पानी

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आयुक्त इंद्रजीत बर्मन ने दिए जांच के निर्देश

दुर्ग/नवप्रदेश। दुर्ग (durg municipal corporation) में जलापूर्ति (water supply) के लिए किया गया काम अब सवालों के घेरे में है। मामले सामने आने पर अब इसमें लापरवाही (negligence) व वित्तीय अनियमितता (financial irregularities) की आशंका जताई जा रही है। मामला दुर्ग (durg municiapal coporation) नगर निगम द्वारा गोकुल नगर में पानी पहुंचाने के लिए किए गए काम से जुड़ा है।

दरअसल गोकुल नगर में पानी पहुंचाने (water supply) के लिए 24 लाख रुपए का काम कराया गया, लेकिन यह काम बेकाम रह गया। इससे आज तक जलापूर्ति नहीं की जा सकी और अब दोबारा जलापूर्ति का काम कराया जा रहा है। मामला कुछ ऐसा है कि दुर्ग नगर निगम द्वारा गोकुल नगर में पानी की सप्लाई के लिए पूरी योजना तैयार कर प्रस्ताव बनाया गया, प्रस्तावों को मंजूरी भी मिली तब जाकर टेंडर प्रक्रिया के जरिए 24 लाख रुपए का काम हो सका। मामले में लापरवाही (negligence) व अनियमितता (financial irregularities) की आशंका के मद्देनजर अब आयुक्त इंद्रजीत बर्मन ने इसकी जांच के निर्देश दिए हैं।

अधूरा छोड़ दिया गया पाइप लाइन को

दरअसल पुलगांव वार्ड नंबर 55 में 160 डेयरी संचालकों को गोकुल नगर में बसाने की योजना पर काम किया जा रहा है। वर्ष 2013-14 में गोकुल नगर में पानी पहुंचाने के लिए प्लानिंग की गई। इसके तहत सीधे शिवनाथ नदी के गुरुद्वारा तट से पानी मोटर पंप के जरिए लिफ्ट कर गोकुल नगर पहुंचाया जाना तय किया गया। इसके तहत 24 लाख रुपए खर्च कर 60.60 एचपी के दो मोटर पंप लगाए गए। 6 इंच की पाइप लाइन बिछाई गई।

कार्य एजेंसी भरत जैन से यह कार्य कराया गया। लेकिन मिनी माता चौक के करीब इस पाइप लाइन को अधूरा छोड़ दिया गया। इसके आगे इसे नहीं बिछाया गया। लिहाजा इसका कहीं कोई उपयोग नहीं हुआ। ये पाइप लाइन, पंप हाउस व मोटर पंप कबाड़ हो चुके हैं। वर्तमान में जब पुन: गोकुल नगर तक नए सिरे से पानी लाए जाने को लेकर कार्य शुरू किया गया, तब इस लापरवाही का खुलासा हुआ है।

इसलिए अधूरा छोडऩा पड़ा काम

निगम ने उक्त काम की प्लानिंग करते वक्त तय किया था कि पूर्व में गोकुल नगर तक बिछाई गई एसी प्रेशर पाइप लाइन से पुलगांव मिनी माता चौक से इसे जोड़कर पानी पहुंचाया जाएगा। बाद में पता चला कि एसी प्रेशर पाइप 10 से 15 जगहों पर पहले ही टूट चुका है। इस वजह से इस पाइप का इसमें जोडऩा संभव नहीं है, इसलिए 24 लाख खर्च करने के बाद भी इस पाइप को यूं ही छोड़ दिया गया।

आनन-फानन में अब ऐसी बनी योजना

प्लानिंग की खास बात यह रही कि निगम ने 24 लाख खर्च कर किए इस काम को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इसके बाद नई प्लानिंग की गई। अमृत मिशन के तहत गंजपारा से आनन-फानन में पाइप लाइन बिछाकर गोकुल नगर पानी पहुंचाए जाने की तैयारी की। फिलहाल यह काम भी अधूरा है, हालांकि काम जरूर शुरू कर दिया गया है।

जल संसाधन विभाग को भी नहीं जानकारी

इधर दुर्ग निगम द्वारा शिवनाथ नदी में दो-दो पंप उतारे गए। यहां तक कि नदी किनारे पंप हाउस भी बना दिया गया, लेकिन इस बारे में कहीं किसी प्रकार की जानकारी जल संसाधन विभाग को नहीं दी गई। जबकि नियमत: इसके लिए जल संसाधन विभाग से अनापत्ति या फिर स्वीकृति लिया जाना आवश्यक है।

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