दुर्ग । नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बोर्ड के केस क्रमांक ओ.ए. 606 के अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व न्यायाधीश मान.धीरेंद्र मिश्रा ने आज नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्र अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में किए जा रहे कार्यों का बारीकी से अवलोकन किया। श्री मिश्रा सर्वप्रथम जोन क्रमांक 4 क्षेत्र अंतर्गत खुर्सीपार आई.टी.आई. के महाविद्यालय के समीप स्थित एस. एल. आर. एम. सेंटर में पहुंचे। पश्चात नारियल के खोटली को गर्म करके एक विधि से बनाए जा रहे तेल को देखा एवं इसके उपयोग के तरीके के विषय में जानकारी ली। उप अभियंता सुरेश केवलानी ने बताया कि चर्म रोग हो गया था। काफी कुछ इलाज करने के पश्चात भी ठीक नहीं हो रहा था। इसके साथ ही खुजली की समस्या भी हो गई थी। यह पता चलने पर की नारियल खोटली के तेल से इस प्रकार की समस्या समाप्त हो सकती है। 15 दिन तक उपयोग किया और खुजली समाप्त हो गई साथ ही काजल के रूप में भी इसे उपयोग करने संबंधी जानकारी दी।
अवलोकन करते हुए पृथककीकरण केंद्र पहुंचे जहां पर सूखे कचरे एवं गीले कचरे के स्रोत के संबंध में जानकारी प्राप्त की जिस पर आयुक्त एस.के. सुंदरानी ने बताया कि गीले कचरे को प्रायः पशुओं को चारा के रूप में दीया जाता है तथा जो बच जाते हैं कंपोस्ट पिट के माध्यम से उनका खाद तैयार किया जाता है सूखे कचरे को पृथक-पृथक कर विक्रय किया जाता है।
अध्यक्ष ने बैलिंग मशीन के विषय में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हुए उपयोग के तरीके को देखा तथा इसी के समीप गोबर एवं भूसी के द्वारा निर्मित किए जा रहे गोबर के रोल एवं कंडे को बनाने एवं इसके उपयोग के संबंध में जानकारी ली जिस पर निगम के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि इसका उपयोग मुक्तिधाम में किया जा रहा है। मोहल्ले में स्थित होम कंपोस्टिंग की जानकारी ली गई जिस पर होम कंपोस्टिंग बनाने वाली महिला ने बताया कि एक वर्ष हो गए मैंने अपने घर का गीला कचरा बाहर नहीं फेंका, होम के जरिए गीला कचरा से खाद बनाने का कार्य किया है, जिसे पेड़ पौधों में उपयोग करती हूं साथ ही जो बीज खाद में मिश्रित रहते हैं उन्हें गमले आदि में डालने पर एक नया पौधा तैयार मिलता है।
एस.एल.आर.एम. सेंटर से पूर्व न्यायाधीश पावर हाउस के समीप स्थित जवाहर नगर बाजार पहुंचे जहां पर बायो गैस टैंक एवं ऑन साइट कंपोस्टिंग की तीनों टंकियों का निरीक्षण किया तथा बायोगैस से निकलने वाले गैस के बारे में जानकारी ली। आयुक्त ने बताया कि पुरानी टंकी का उपयोग कर बायोगैस के रूप में तब्दील किया गया है।
यहां से निकल कर पुराना शराब भट्टी पहुंचे जहां पर निर्माण एवं विध्वंस (ब-क) से बनाए जा रहे मेन चौंबर होल प्लेट, स्टॉप डिवाइडर, ईट एवं प्लास्टिक के टुकड़े से बनाए जा रहे चेकर टाइल्स का अवलोकन कर इस विधि से आश्चर्यचकित हुए और अच्छे कार्य की सराहना की।
तत्पश्चात एन.जी.टी. के चेयरमैन अपनी टीम सहित होटल फ्लोरेट पहुंचे जहां पर मैनेजर अमित भट्टाचार्य ने निगम द्वारा प्रदत बायोगैस ड्रम के उपयोग की पूरी प्रक्रिया से अवगत कराते हुए बताया कि अभी तक गीला कचरा हमारे द्वारा बाहर नहीं दीया गया है जो भी खाद्य पदार्थ बचते हैं उन्हें बायोगैस ड्रम में डाल दिया जाता है जिससे कुछ दिन बाद इससे निकलने वाले तरल पदार्थ को खाद के रूप में पौधों में उपयोग किया जाता है एवं गैस से चाय आदि तैयार किया जाता है।
श्री मिश्रा के निगम मुख्य कार्यालय पहुंचने पर सर्वप्रथम वेस्ट मटेरियल (नारियल की खोटली) से तैयार पौधे को प्रदाय कर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा स्वागत किया गया, महिलाओं ने निगम प्रशासन के पूजा एक्सप्रेस से प्राप्त होने वाले अनुपयोगी फूल से अगरबत्ती, परफ्यूम, गुलाल आदि बनाने की जानकारी दी।
आयुक्त श्री सुंदरानी ने मुख्य कार्यालय में लगाए गए स्वच्छता एवं पर्यावरण के कार्यों प्रदर्शनी के विषय में बताते हुए तथा रद्दी कागज के पुनरू उपयोग से बने कैरी बैग एवं सामग्री स्टैंड के बारे में बताते हुए श्री मिश्रा को सामग्री भेट किया।
माननीय पूर्व न्यायमूर्ति के निरीक्षण के दौरान एडिशनल सी.ई.ओ. सुडा सोमिल रंजन चौबे, अपर कलेक्टर दुर्ग संजय अग्रवाल, निगम आयुक्त एस.के. सुंदरानी, डिप्टी सी.ई.ओ सुडा आर.के. नारंग, क्षेत्रीय एवं पर्यावरण विभाग से मनीष कश्यप एवं दीवान, भिलाई इस्पात संयंत्र से देशपांडे एवं के.के. यादव, निगम भिलाई से अधीक्षण अभियंता आर.के. साहू, उपायुक्त लहरें स्वास्थ्य विभाग से धर्मेंद्र मिश्रा एवं जावेद अली सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।