-महिला आईपीएस अधिकारी से की ठगी
रांची। DSP Shrestha Thakur: आम लोगों की जिंदगी में आसानी से हो रहे ऑनलाइन फ्रॉड की तस्वीर देखी जा सकती है। मेट्रोमोनियल साइटों से धोखाधड़ी के कई उदाहरण भी हैं। अब एक नया खुलासा हुआ है कि एक महिला पुलिस अधिकारी के साथ धोखाधड़ी की गई है। एक महिला पुलिस अधिकारी को एक व्यक्ति ने यह कहकर धोखा दिया कि वह 2008 यूपीएससी बैच का पासआउट और आईआरएस अधिकारी है। रांची के एक आईआरएस अधिकारी के नाम में समानता का फायदा उठाकर धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया।
केवल डिप्टी एसपी श्रेष्ठा ठाकुर जो एक कर्तव्यनिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी हैं और जिन्हें लेडी सिंघम के नाम से जाना जाता है वह भी इस धोखाधड़ी की शिकार हो गई। श्रेष्ठा ने जिस व्यक्ति को आईआरएस अधिकारी समझकर शादी की वह धोखेबाज निकला। मेट्रोमेनियल साइट पर श्रेष्ठा की मुलाकात रोहित राज नाम के शख्स से हुई।
उस वक्त उन्होंने कहा था कि वह 2008 बैच के आईआरएस अधिकारी हैं। साथ ही यह भी दावा किया गया कि वह फिलहाल रांची में तैनात हैं। इसकी पुष्टि के लिए जब महिला पुलिस अधिकारी श्रेष्ठा ने रांची में पूछताछ की तो पता चला कि इसी नाम का अधिकारी रांची में है और राज ने इसका पूरा फायदा उठाया।
कानपुर की रहने वाली श्रेष्ठा ठाकुर यूपी में पुलिस विभाग में लेडी सिंघम ऑफिसर के नाम से मशहूर हैं। बचपन में एक बदमाश ने उसके साथ दुराचार किया था। ऐसे में जब उन्होंने कॉलेज में भी ऐसे अनुभव देखे तो उन्होंने आईपीएस ऑफिसर बनने का सपना देखा और उसे पूरा भी किया। साल 2012 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास की और डीएसपी बनी।
6 साल की नौकरी के बाद श्रेष्ठा ठाकुर ने आईआरएस अधिकारी रोहित राज से शादी कर ली। लेकिन रोहित के व्यवहार से उसकी पोल खुल गई और सच्चाई सामने आ गई। लेकिन श्रेष्ठ ने शादी को ध्यान में रखते हुए चुप रहना बेहतर समझा।
हालांकि अधिकारी ठाकुर तक शिकायतें पहुंचीं कि रोहित अपनी पत्नी श्रेष्ठा के नाम पर लोगों को डरा-धमका कर उनसे पैसे वसूल रहा है। इसके बाद श्रेष्ठा ने 2 साल बाद रोहित राज से तलाक ले लिया। इस बीच श्रेष्ठा ने अपने तलाकशुदा पति के खिलाफ गाजियाबाद के कौशांबी थाने में केस दर्ज कराया है। इसके बाद पुलिस रोहित राज से पूछताछ कर रही है।