डेस्क/नवप्रदेश। Drug Trafficking : भारतीय मूल के एक व्यक्ति को सिंगापुर में मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में आज बुधवार को फांसी दे दी गई। थंगाराजू सुपैय्या को सिंगापुर की एक अदालत द्वारा आखिरी समय में दाखिल अपील खारिज करने के बाद चांगी जेल में तड़के फांसी दे दी गई।
अदालत ने सजा माफ करने के लिए दोषी तस्कर के परिवार, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और संयुक्त राष्ट्र की ओर से दाखिल अर्जी मंगलवार को खारिज कर दी थी। सुपैय्या को हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने अक्टूबर 2018 में मादक पदार्थ की तस्करी की साजिश रचने के लिए एक साथी को उकसाने के मामले में दोषी ठहराया था। यह साजिश एक किलोग्राम भांग की आपूर्ति से जुड़ी थी, जो मेडिशनल ड्रग्स के दुरुपयोग अधिनियम के तहत एक अपराध है।
सुपैय्या को 2014 में लिया गया था हिरासत में
सुपैय्या को 2014 में मादक पदार्थ का सेवन करने और जांच के लिए न पहुंचने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। सिंगापुर कारागार सेवा के एक बयान में कहा गया है कि सुपैय्या को आज चांगी जेल परिसर में मृत्युदंड दिया गया। थंगाराजू सुपैय्या की बहन लीलावती सुपैय्या ने कहा कि परिवार को मृत्यु प्रमाण पत्र मिला है। यह छह महीने में सिंगापुर में दी गई पहली फांसी है।
सुपैय्या के मामले का ब्रिटिश अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन और मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त ने समर्थन किया था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त की प्रवक्ता रवीना शामदासानी ने मंगलवार को सिंगापुर सरकार से तत्काल इस कदम (सुपैय्या की फांसी की सजा) पर पुनर्विचार करने और मानवाधिकारों के सबसे मौलिक-जीवन के अधिकार का पूरी तरह से सम्मान करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया।”
ब्रैनसन ने एक ब्लॉग पोस्ट में दावा किया था कि थंगाराजू की सजा मानकों पर खरी नहीं उतरी है और हो सकता है सिंगापुर एक निर्दोष व्यक्ति की जान लेने जा रहा हो। सिंगापुर के गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मंगलवार को कहा कि मौत की सजा पाए सिंगापुर के एक नागरिक के बारे में ब्रैनसन के विचार देश के न्यायाधीशों और आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए अपमान का प्रदर्शन हैं।
बुधवार सुबह चांगी कारागर परिसर में दी फांसी
चैनल न्यूज एशिया ने सिंगापुर (Drug Trafficking) कारागार सेवा की ओर से जारी एक बयान के हवाले से बताया कि सुपैय्या को बुधवार सुबह चांगी कारागर परिसर में फांसी दी गई। चैनल पर प्रसारित खबर के मुताबिक, सिंगापुर की एक अदालत ने मंगलवार को सुपैय्या की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने अपने मामले में पुनर्विचार करने और तब तक सजा के अमल पर रोक लगाने की मांग की थी। 15 पन्नों के अपने आदेश में न्यायमूर्ति चोंग ने कहा था कि सुपैय्या अदालत द्वारा अपने मामले की समीक्षा करने के लिए एक वैध आधार पेश करने में नाकाम रहा था।