-डीआरडीओ की सफलता से हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक वाला चौथा देश बना भारत
नई दिल्ली। डिफेंस रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) आज बड़ी सफलता (Achieve great success) हासिल हुई। भारत (india) ने हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक (Hypersonic missile technology) के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है। इस सफलता के साथ वह भारत चौथा देश बन गया है जिसे हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी हासिल है।
डीआरडीओ ने ओडिशा के बालासोर में हाइपरसोनिक टेक्नॉलजी डिमॉन्स्ट्रेटर वीइकल टेस्ट किया। यह हवा में आवाज की गति से छह गुना ज्यादा स्पीड से दूरी तय करता है। यानी दुश्मन देश के एयर डिफेंस सिस्टम को इसकी भनक तक नहीं लगेगी।
सफल टेस्ट के क्या मायने?
सीधे शब्दों में कहें तो भारत के पास अब बिना विदेशी मदद के हाइपरसोनिक मिसाइल डेवलप करने की क्षमता हो गई है। डीआरडीओ के अनुसार अगले पांच साल में स्क्रैमजेट इंजन के साथ हाइपरसोनिक मिसाइल तैयार कर सकता है। इसकी रफ्तार दो किलोमीटर प्रति सेकेंड से ज्यादा होगी।
इससे अंतरिक्ष में सैटलाइट्स भी कम लागत पर लॉन्च किया जा सकते हैं। एचएसटीडीवी के सफल परीक्षण से भारत को अगली जेनरेशन की हाइपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस-2 तैयार करने में मदद मिलेगी। फिलहाल उसे डीआरडीओ और रूस की एजेंसी मिलकर डेवलप कर रहे हैं।