रायपुर/नवप्रदेश। charan das mahant: छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल का नेता और नेता प्रतिपक्ष चुना गया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह आदेश जारी किया है। वहीं दीपक बैज भी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे। रायपुर में 13 दिसंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई थी। इस बैठक में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन और प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने कांग्रेस विधायकों के साथ रायशुमारी की थी।
बैठक के बाद माकन ने बताया था कि विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष तय करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को सौंपी है। नवप्रदेश ने नेता प्रतिपक्ष चयन के सरगर्मी के बीच डॉ. चरणदास महंत को ही प्रबल दावेदार बताया था। 2023 के चुनाव में कांग्रेस के 35 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। इनमें डॉ. महंत न सिर्फ सबसे अनुभवी नेता हैं, बल्कि वे सुलझे और सौम्य नेता माने जाते हैं। इसलिए नेता प्रतिपक्ष के लिए वे एकमात्र दावेदार थे। उन्होंने खुद भी सीएलपी लीडर बनने की इच्छा जताई थी।
ऐसे में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने भी उनके अनुभव को देखते हुए हरी झंडी दे दी। भारत सरकार में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सहित लोकसभा व विधानसभा के वरिष्ठ सदस्य के रूप में अपने दायित्वों का सफ लतापूर्वक निर्वहन करने वाले डॉ. चरणदास महंत ने कहा है कि विपक्ष अपनी मजबूत भूमिका विधानसभा में निभाएगा। डॉ. महंत ने नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने पर कांग्रेस के यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, सांसद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल व प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित छग विधानसभा के निर्वाचित कांग्रेस के सदस्यों के प्रति आभार जताया है।
कांग्रेस सरकार में विस अध्यक्ष थे महंत
2018 में कांग्रेस शासनकाल में चरणदास महंत विधानसभा अध्यक्ष थे। वहीं 2023 विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस सरकार के बड़े-बड़े कद्दावर मंत्री चुनाव हार गए। वहीं डॉ. महंत ने सक्ती विधानसभा से चुनाव जीता। उन्होंने बीजेपी के खिलावन साहू को उन्होंने 12 हजार 395 वोट से हराया है। महंत के राजनीतिक करियर की शुरुआत मध्य प्रदेश विधानसभा से हुई।
जानिए, डॉ. महंत का राजनीतिक कैरियर
डॉ चरणदास महंत 1980 में पहली बार विधायक बने थे। वहीं 1993 से 1998 के बीच वह मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री रहे। 1998 में लोकसभा के लिए चुने गए। महंत 2006 से 2008 तक छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। इसके बाद 2009 में वह 15वीं लोकसभा के लिए भी चुने गए। महंत ने मनमोहन सिंह सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला।
23 सितंबर 2009 को उन्हें संसद सदस्यों के वेतन और भत्ते पर संयुक्त समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें कोरबा सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। 2018 में वह पार्टी की चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष बने। 2018 में ही उन्होंने राज्य की सक्ती विधानसभा सीट से भारी बहुमत से जीत हासिल की। कांग्रेस ने उन्हें विस अध्यक्ष बनाया था।