- अतिक्रमण की वजह से प्रभावित ,बस स्टैंड,हेलीपैड,सुलभ शौंचालय व अन्य निर्माण
दोरनापाल । सुकमा जिले के दोरनापाल में शासकीय भूमि पर कब्जा चरम पर है । ताज़ा मामला नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड क्र 05 का है जहां आश्रम के पीछे खेत से लगे भूमि में अचानक अतिक्रमण देखने को मिला और रातोरात बाड़ा घेरकर अतिक्रमण दिखाया गया । बताया जा रहा है कि सालों से वहां न तो कोई खेती करता था न किसी ने घर बनाया था बेकार पड़ी भूमि पर राजस्व की भी नजर नही पड़ी जिसके बाद जमीन के बढ़ती कीमतों को देखते हुए एक महिला द्वारा तकरीबन 50 डिसमिल भूमि पर अवैध कब्जा कर लिया गया । बताया जा रहा है कि इसके अलावा उक्त महिला के पास निजी भूमि है जिसपर खेती करती रही है ।
ज्ञात हो कि वर्तमान में राजस्व विभाग शासकीय भूमि की कमी से जूझ रहा है जिसके चलते विकास कार्य ठप्प पड़े हैं । वहीं नगर के चारो तरफ अवैध कब्जे भी लगातार जारी है जिस वजह से प्रशासन को जनहित से जुड़ी सुविधाओं के लिए शासकीय भवनो के निर्माण को लेकर परेशानियां भी हो रही है । बताया जाता है कि नगर पंचायत बनने के बाद से ही सबसे ज्यादा ओडिसा छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाली पुल बनने के बाद से ही अब तक कई एकड़ भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण किया जा रहा है जिनमे से कई अतिक्रमण बड़े पैमाने पर है जिन्हें रोकने की प्रशासन को आवश्यकता है । सम्बन्धित अधिकारियों से फोन पर सम्पर्क करने पर कहा गया इस तरह की समस्या बढ़ रही है , उक्त मामला हमारी जानकारी में आया है । आचार संहिता के बाद अतिक्रमण की जांच कर वैधानिक कार्यवाही की जाएगी ।
मूलभूत निर्माणों के लिए नही राजस्व के पास भूमि
ज्ञात हो कि नगरपंचायत दोरनापाल में कई सालों से मूलभूत सुविधाएं के लिए बस स्टैंड ,सुलभ शौंचालय,पार्क,एटीएम,तहसील कार्यालय ,अतिरिक्त खेल मैदान व हेलीपैड की मांग की जा रही है और प्रशासन द्वारा इसपर स्वीकृति भी दी जाती है मगर उक्त निर्माण को लेकर भूमि की जब बात आती है तो काम वहीं रुक जाता है । भूमि की कमी की सवसे बड़ी वजह लगातार हो रहे कब्जे को बताया जा रहा है । दोरनापाल में अचानक बढ़ रहे आबादी के साथ अतिक्रमण ने भी सरकारी भूमि को खत्म कर दिया । प्रशासनिक कार्यवाही के अभाव में अवैध कब्जा बढ़ रहा है । कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता राजेश नाग बताते हैं कि दोरनापाल मे ये आज का नहीं पुराना रीति रिवाज हैं । कुछ लोग वहां पर शासकीय भूमि को हडप कर किसी दूसरे को बेच देते हैं । ये बहुत ही गंभीर समस्या है कि लोगों के लिए शौचालय तक जमीन काबिज नहीं हैं । इस मे शासकीय स्तर पर कारवाई होनी चाहिए। नहीं तो जमीन दलालों से शासकीय जमीन भी बेच डालेंगे ।
अतिक्रमण बना विकासकार्यों पर बाधा
दोरनापाल में भूमि ही प्रत्येक निर्माणों को लेकर विवादों में होती है । भूमि को लेकर जहां वन विभाग और राजस्व में खींच तान देखने को मिली वहीं अवैध कब्जे से शासन के पास भूमि खत्म होने की कगार पर है । इस कारण विकास कार्यों पर बाधाएं भी देखने को मिल रही है । सालों से खेल मैदान पर बना हेलीपैड खेल पर बाधा बना हुआ है जिसके लिए भूमि अब तक नही मिली । वहीं बस स्टैंड की माँग और स्वीकृति भी लम्बे समय से है पर इसके लिए भूमि ही सबसे बड़ी समस्या है । इसके अलावा अन्य छोटे बड़े निर्माण कार्य भी इसके चलते प्रभावित रहते हैं ।