कवर्धा/नवप्रदेश। tubewell mining scandal : केन्द्रीय क्षेत्रीय विशेष पिछड़ी जनजाति योजना अंतर्गत कृषकों के द्वारा खनित नलकूप में अनियमितता तथा शर्तो के विपरित काम करने में दोषी पाए जाने पर कृषि विभाग ने 4 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। वहीं एसडीओ और एडीओ को भी नोटिस जारी किया गया है।
निलंबित हुए कर्मचारियों में बोड़ला विकासखंड के लरबक्की क्षेत्र में पदस्थ परमेश्वर सिंह धु्रव, बोरियाक्षेत्र के मानसिंह मरकाम, पंडरिया विकासखंड के नेउर क्षेत्र में पदस्थ मोहन यादव, कुकदूर क्षेत्र के महेन्द्र भास्कर शामिल है। निलंबित (tubewell mining scandal) हुए इन सभी कर्मचारियों का मुख्यालय अनुविभागीय अधिकारी कृषि कवर्धा में निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही इसी मामले मे वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, कृषि विकास अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
विशेष पिछड़ी जनजाति योजना के तहत कृषि विभाग द्वारा बोड़ला और पंडरिया ब्लॉक के 101 बैगा हितग्राहियों के खेत में नलकूप खनन किया जाना था। इसके लिए वर्ष 2019-20 में 87.42 लाख रुपए मंजूर हुआ था। प्रति नलकूप खनन (tubewell mining scandal) में औसतन 94 हजार रुपए लागत आंकी गई। कृषि विभाग के नुमाइंदों ने नलकूप तो खोद दिए, लेकिन उसमें जो केसिंग पाइप लगाई गई वह लोहे की न होकर प्लास्टिक की थी। जबकि पैसा लोहे के केसिंग पाइप के निकाले गए थे। इस तरह अंचल के बैगाओं के साथ धोखाधड़ी की गई।
गड़बड़ी की शिकायत पर कलेक्टर ने कृषि उपसंचालक एमडी डड़सेना को जांच के निर्देश दिए थे । जांच टीम ने जांच में पाया कि खोदे गए नलकूप में लोहे की जगह प्लास्टिक की केसिंग पाइप लगाई गई है। खास बात यह है कि नलकूप खनन करने वाली गोयल एजेंसी विश्रामपुर जिला सूरजपुर (छग) से मिलीभगत करते हुए फर्जी बिल लगाकर भ्रष्टाचार किया गया ।