छत्तीसगढ़ अब डिजिटल शासन की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा चुका है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Digital Governance Chhattisgarh) और उप मुख्यमंत्री अरुण साव की Digital Chhattisgarh पहल के तहत राज्य के सभी 192 नगरीय निकाय अब एक ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़ेंगे। इसका मतलब है कि अब शहरी नागरिकों को संपत्ति कर, जल कर, व्यापार कर या कोई भी सुविधा पाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे सब कुछ ऑनलाइन होगा।
नगरीय प्रशासन विभाग ने एक राज्य एक प्लेटफॉर्म के कॉन्सेप्ट पर ई-गवर्नेंस सिस्टम तैयार किया है। इसमें नागरिक सेवा पोर्टल, मोबाइल ऐप, शिकायत निवारण मॉड्यूल, भवन अनुमति प्रणाली, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, वित्तीय प्रणाली और निर्णय सहायता डैशबोर्ड जैसी सभी सेवाएं शामिल हैं।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि इस परियोजना से सुशासन की नई परिभाषा लिखी जाएगी। नागरिक अब अपने घर से ही सेवाओं का लाभ ले सकेंगे, जबकि प्रशासनिक निर्णय रियल-टाइम डेटा पर आधारित होंगे। उन्होंने कहा, अब सरकार सच में जनता के द्वार पर होगी। नागरिक UPI, नेट बैंकिंग और वॉलेट से तुरंत टैक्स और फीस का भुगतान कर सकेंगे। इस पारदर्शी प्रणाली से सरकार के राजस्व संग्रह में भी बढ़ोतरी होगी।
डिजिटल सिस्टम में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डेटा एनालिटिक्स (Digital Governance Chhattisgarh) का उपयोग कर नागरिक शिकायतों का विश्लेषण किया जाएगा ताकि समस्याओं का पूर्वानुमान और त्वरित समाधान मिल सके। यह पहल “डिजिटल इंडिया” मिशन को नई ऊंचाई पर ले जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा डिजिटल छत्तीसगढ़ का सपना अब साकार हो रहा है। हर नागरिक को तेज़, भरोसेमंद और पारदर्शी सेवाएं देना हमारी प्राथमिकता है।”
स्मार्ट गवर्नेंस की दिशा में ऐतिहासिक कदम
राज्य के सभी शहरी निकाय एकीकृत डिजिटल सिस्टम से जुड़ेंगे। यह परिवर्तन प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को नया आयाम देगा। नई प्रणाली नागरिक शिकायतों का पैटर्न पहचानकर संभावित समस्याओं की पहले ही पहचान कर लेगी। इससे अधिकारी त्वरित एक्शन ले पाएंगे।

