डिजिटल अरेस्ट और सीबीआई का डर दिखाकर ठगों ने 65 वर्षीय सेवानिवृत्त कर्मचारी से 32 लाख रुपये की ठगी की। अब पुलिस और साइबर सेल मामले की जांच में जुटी है।
Digital Arrest Fraud : बुज़ुर्ग तुषारकर देवांगन की जिंदगी में एक फोन कॉल ने वो तूफान ला दिया, जिसकी कीमत थी-उनकी पूरी जमा-पूंजी। खुद को सीबीआई अफसर बताकर ठगों ने न केवल उन्हें मानसिक यातना दी, बल्कि “डिजिटल अरेस्ट” जैसी झूठी कानूनी धमकी से डराकर 32 लाख से ज्यादा की ठगी कर ली।
65 वर्षीय रिटायर्ड सिंचाई विभाग कर्मी तुषारकर देवांगन से ठगों ने कुल 32,54,996 रुपये ऐंठ लिए। कॉल करने वालों ने खुद को टेलीकॉम अथॉरिटी और सीबीआई प्रोसेसिंग अधिकारी बताया और कहा कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में आ गया है। इसके बाद भेजी गई “फर्जी वारंट” की फोटो और “नरेश गोयल” जैसे केस से जोड़कर उन्हें डराया गया।
फोन पर मिली धमकी – डिजिटल अरेस्ट(Digital Arrest Fraud) होकर सीधा जेल जाओगे!
इस डर के बीच उन्हें चार अलग-अलग बैंक अकाउंट नंबर भेजे गए और कहा गया कि इन खातों में तुरंत पैसे भेजो वरना गिरफ्तारी तय है। डर के मारे उन्होंने PhonePe के माध्यम से 6 बार ट्रांसफर कर पूरा पैसा दे दिया।
कहां से आई समझदारी की रोशनी?
कई दिनों बाद जब संदिग्ध नंबर बंद मिला और ठग संपर्क से बाहर हो गए, तब जाकर उन्हें ठगी का अहसास हुआ। उन्होंने तत्काल सिटी कोतवाली थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई।
पुलिस और साइबर टीम जांच में जुटी
अब पुलिस ने बैंक खातों और ट्रांजेक्शन डिटेल्स को जांच में लिया है। साइबर सेल(Digital Arrest Fraud) भी लोकेशन ट्रेस करने में जुटी है।
सीएसपी कविता ठाकुर के अनुसार, कोलाबा पुलिस स्टेशन के नाम पर झूठी धमकी दी गई। केस दर्ज कर लिया गया है और जल्द ही आरोपियों तक पहुंचने की उम्मीद है।