Digital Agriculture : अब नहीं मिला मौका तो पछताएंगे किसान, धान खरीदी पंजीयन की डेडलाइन नजदीक!

Digital Agriculture : अब नहीं मिला मौका तो पछताएंगे किसान, धान खरीदी पंजीयन की डेडलाइन नजदीक!

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Digital Agriculture : छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए राहत और चेतावनी दोनों आई है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए एग्रीस्टैक पोर्टल (Digital Agriculture) में पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर तय की गई है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने कहा है कि समय पर पंजीकरण नहीं कराने वाले किसान इस बार समर्थन मूल्य का लाभ नहीं ले सकेंगे।

खाद्य सचिव रीना बाबा साहेब कंगाले ने बताया कि एग्रीस्टैक पोर्टल (Digital Agriculture) भारत सरकार का एक यूनिफाइड एग्रीकल्चर डेटाबेस है, जिसमें किसानों की भूमि, आधार और अन्य जानकारी डिजिटल रूप से सुरक्षित रखी जाती है। यहां से मिलने वाली यूनिक फार्मर आईडी (Unique Farmer ID) किसानों की पहचान का आधार बनेगी और शासन की विभिन्न कृषि योजनाओं का लाभ केवल पात्र किसानों तक ही पहुंचेगा।

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के तहत किसानों को सीधे भुगतान की सुविधा दी गई है। शासन का उद्देश्य है कि प्रत्येक किसान को पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से लाभ मिले। पिछले वर्ष 25.49 लाख किसानों ने धान विक्रय किया था। इस बार एग्रीस्टैक पोर्टल की ई-केवाईसी और आधार-आधारित पंजीयन प्रणाली (Digital Agriculture) के चलते खरीदी प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित व समयबद्ध होगी।

विभाग ने कहा है कि एग्रीस्टैक पोर्टल राज्य में डिजिटल क्रांति (Digital Agriculture) का प्रतीक बन गया है। किसान अपने निकटतम सहकारी समिति या निर्धारित केंद्र में जाकर 31 अक्टूबर तक पंजीयन करा सकते हैं। अब तक 21.47 लाख किसानों का पंजीकरण पूरा हो चुका है। पोर्टल या प्रक्रिया से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए किसान टोल-फ्री नंबर 1800-233-1030 पर संपर्क कर सकते हैं।

खाद्य विभाग के अनुसार, राज्य के 20 हजार ग्रामों में से 13,879 ग्रामों में इस वर्ष डिजिटल क्रॉप सर्वे किया गया है। ग्राम सभाओं में सर्वे रिपोर्ट का पठन (Digital Agriculture) 2 से 14 अक्टूबर तक किया जा रहा है। पंचायत भवनों में सर्वे सूचियों का प्रदर्शन भी किया गया है। जिला कलेक्टरों और खाद्य अधिकारियों द्वारा इसकी नियमित निगरानी की जा रही है।

यह पूरी प्रक्रिया “डिजिटल एग्रीकल्चर और गुड गवर्नेंस (Digital Agriculture)” की दिशा में राज्य का मजबूत और दूरदर्शी कदम मानी जा रही है, जिससे किसानों की पहचान, पारदर्शिता और भुगतान प्रणाली को नया आयाम मिलेगा।