बस्तर/नवप्रदेश। Diffuse IED Bomb : बस्तर में नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों को हर दिन मौत का सामना करना पड़ता है, नक्सली हमेशा जाल बिछाकर जवानों को नुकसान पहुंचाने की ताक में रहते हैं।
जवानों की सूझबूझ से टले बड़े हादसे
जवानों की सूझबूझ से कई ऐसे बड़े हादसे टले हैं जिनसे उन्हें भारी जानमाल का नुकसान हो सकता था। सोमवार को जवानों की सूझबूझ से ऐसा ही एक बड़ा हादसा टल गया। सुकमा जिले के मीनपा इलाके में नक्सलियों ने IED बम बिछा रखा था, CRPF कोबरा 206 बटालियन के जवानों ने इसे बरामद करने में सफलता हासिल की। जवानों ने इसे डिफ्यूज कर दिया। बम को डिफ्यूज करने का जवानों ने वीडियो भी (Diffuse IED Bomb) बनाया।
सर्च ऑपरेशन पर निकले थे जवान
बताया जा रहा है कि जवान इस इलाके में सर्च ऑपरेशन पर निकले थे, इस दौरान मीनपा के घने जंगलों में गुजरते वक्त एक जवान ने बिजली के तार को देखा और तुरंत जवानों को सतर्क कर दिया। इसके बाद जवानों ने जमीन के अंदर गड़े इस बम को निकाला और डिफ्यूज कर दिया। जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों ने 10 किलो से ज्यादा बारूद से बने आईईडी बम का इस्तेमाल किया था। बम पर पैर पड़ने पर बड़ा हादसा हो सकता था और जवानों की जान तक जा सकती थी, लेकिन उन्होंने समय रहते इसे डिफ्यूज करने में सफलता हासिल की।
10 किलो से ज्यादा वजनी था IED बम
बस्तर के सुकमा में तैनात कोबरा बटालियन के कमांडेंट ने बताया कि कोबरा 206 बटालियन की इको कंपनी को सोमवार को सर्चिंग के लिए मीनपा इलाके में रवाना किया गया था, जहां नक्सलियों के द्वारा जंगल के बीच बम को प्लांट किया गया था।आईईडी बम को जवानों ने बरामद किया और उसे मौके पर ही डिफ्यूज कर दिया। उन्होंने कहा कि हमेशा से ही नक्सली अंदरूनी क्षेत्रों में जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए आईईडी बम लगाते आए हैं जिसकी चपेट में कई बार जवान, आम इंसान और मवेशी भी आ जाते हैं और उनकी जान चली जाती है।
कमांडेंट ने बताया (Diffuse IED Bomb) कि पिछले 20 सालों में बस्तर संभाग में नक्सलियों द्वारा प्लांट किए गए आईईडी बम से सुरक्षाबल के जवानों को काफी नुकसान हुआ है, ऐसे में गश्ती के दौरान अब जवान नक्सलियों द्वारा प्लांट किये गए बम को देखते हुए खास सतर्कता बरतते हैं।