वडोदरा, नवप्रदेश। भारत देश में चाय पीने के बड़े शौकीन हैं। लोगों को सुबह उठते ही चाय चाहिए। दोपहर में चाय चाहिए। फिर शाम को चाय चाहिए। लोग अगर किसी दुकान पर जाते हैं तो चाय पीकर वे डिस्पॉजल्स को फेंक (Different Tea-Stall) देते हैं। जिससे कचरा होता है और पर्यावरण को भी नुकसान होता है।
लेकिन क्या आपने सुना है कि चाय पीने के साथ आपको कप भी खाना पड़ेगा। अब आप ये सोच रहे होंगे कि कोई चाय पीने के बाद कप कैसे खा सकता है। लेकिन वडोदरा की इस दुकान में ऐसा ही रूल है कि आपको कप खाना ही पड़ेगा।
जी हां, वड़ोदरा में खोली इन चार दोस्तों की दुकान का कॉंसेप्ट बिल्कुल अलग है। इन चार दोस्तों ने एक छोटी सी चाय की दुकान खोली (Different Tea-Stall) है। जहां आपको चाय पीने के बाद कप को खाना पड़ता है।
वडोदरा के अनाथालय में पले-बढ़े चार दोस्त लवकुश, विकास, शंकर और सूरज ने एक चाय की छोटी सी दुकान शुरू की है। इन चार दोस्तों में से लवकुश बचपन से सुनता आया था कि पर्यावरण को बचाने के लिए सबको कुछ न कुछ करना (Different Tea-Stall) पडे़गा।
इसी बात को ध्यान में रखकर उन्हें चाय की दुकान शुरू करने के बाद एक आइडिया मिला कि चाय का कप लोग चाय पीकर फेंक देते हैं, अगर उसका कुछ और इस्तेमाल हो तो? इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचेगा।
बस इसी सोच के साथ उसकी खोज खानेवाले कप पर खत्म हुई। इंटरनेट पर उसको ऐसा कांसेप्ट दिखा, जिसके बाद उसने खाने वाले कप मंगवाना शुरू कर दिया।
यह कप गेंहू के आटे से बनाये जाते है। लवकुश और उसके बाकी दोस्त उसमें चॉकलेट का फ्लेवर लगाकर लोगों को चाय पिलाते हैं।
इससे पेपर या थर्मोकॉल से बनने वाला कप वेस्ट नहीं होता और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचता है। लोगों को भी यह आइडिया काफी यूनिक लग रहा है। लोग खुशी से आते हैं और चाय पी कर कप को खा जाते हैं।