छत्तीसगढ़ में मरीजों की संख्या बढ़ते क्रम में है, रिकॉर्ड के मुताबिक अब तक 500 पीड़ित मिले हैं, वहीं बस्तर संभाग के बीजापुर में दो हजार से अधिक मरीज मिले हैं।
- स्वास्थ्य केंद्र खोंगसरा में फिर 3 मलेरिया पॉजिटिव भर्ती किए
- रतनपुर स्वास्थ्य केंद्र की हालत दयनीय, एक बेड पर 2-2 मरीज
- कलेक्टर अवनीश शरण संक्रमित क्षेत्र में हाल जानने 4 घंटे रहे
- राज्य सरकार अलर्ट, सीएम ने दिए निर्देश, हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
रायपुर/बिलासपुर। Raipur Bilaspur Bijapur district Khongsara Ratanpur Diarrhea Malaria havoc patient death: प्रदेश में बारिश के साथ डायरिया बेकाबू होता जा रहा है। रिकॉर्ड के अनुसार प्रदेश में बिलासपुर जिले की स्थिति काफी खराब है। बिलासपुर में डायरिया-मलेरिया के अब तक 500 से अधिक मरीज मिल चुके हैं। जिले में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें एक की मौत डायरिया और 4 मलेरिया से जान गई है। वहीं शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोंगसरा में फिर 3 मलेरिया पॉजिटिव भर्ती किए गए हैं। उनका इलाज किया जा रहा है। इसमें एक महिला, पुरुष और एक किशोर शामिल हैं। रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत ज्यादा खराब है जहां एक बेड पर 2-2 मरीज रखे गए हैं। वहीं प्रदेश के बीजापुर जिले में भी मलेरिया से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। मरीजों का आंकड़ा 2 हजार के पार पहुंच गया है।
हालांकि कुल मलेरिया मरीजों की संख्या देखें तो, अब तक 24 केस मिले हैं। इनमें 5 की हालत गंभीर है, जिनका सिम्स में इलाज चल रहा है। 54 गांव मलेरिया के लिए अति संवेदनशील हैं। वहीं रतनपुर में डायरिया के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। खूंटाघाट क्षेत्र के कंदई पारा में 31 और महामाया पारा में 9 नए मरीजों की पुष्टि हुई है। बढ़ते मरीजों की संख्या से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रतनपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। एक बेड पर 2-2 मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
बेड नहीं, वेटिंग चेयर पर बच्चे का इलाज
वहीं 1 मरीज के इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। (Raipur Bilaspur Bijapur district Khongsara Ratanpur Diarrhea Malaria havoc patient death) वहीं कोटा में मलेरिया के 3 और नए मरीजों की पुष्टि हुई है। बेड नहीं होने के कारण वेटिंग चेयर पर सुलाकर बच्चे का इलाज किया जा रहा है। इस बीच कलेक्टर अवनीश शरण ने कोटा विकासखण्ड के मलेरिया प्रभावित कुरदर, छुईहा, टेंगनमाड़ा सहित अनेक ग्रामों का दौरा किया। बारिश के कारण बीच-बीच में कीचड़ व दलदल से सने छुईहा एवं चिखलाडबरी सड़क मार्ग का बाईक में सवार होकर निरीक्षण किया।
कीचड़ सड़क को दुरूस्त करने के निर्देश
बता दें कि यह मार्ग पीएम जनमन योजना के तहत स्वीकृत हुआ है, लेकिन बीच-बीच में कीचड़ के कारण चार पहिया वाहनों के आने-जाने में दिक्कतें हो रही हैं, जिसके कारण मरीजों सहित आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सड़क को दो दिनों में सुधार कर आने-जाने योग्य बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कुरदर में मलेरिया चौपाल लगाकर हालात की समीक्षा की। उन्होंने स्वयं मितानिन से मलेरिया जांच कराकर उनके द्वारा आम नागरिकों का किये जा रहे जांच का परीक्षण किया। एसडीएम युगल किशोर उर्वशा सहित स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम मौजूद थी।
4 घंटे ग्रामीणों और स्वास्थ्य अमले के साथ रहे कलेक्टर
स्थिति को देखते हुए कलेक्टर अवनीश शरण ने (Raipur Bilaspur Bijapur district Khongsara Ratanpur Diarrhea Malaria havoc patient death) आज शनिवार को लगभग तीन चार घण्टे तक कोटा ब्लॉक के दूरस्थ मलेरिया पीड़ित इलाके का सघन दौरा किया। ग्रामीणों और स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कर्मचारियों से हालात की जानकारी ली। कुरदर के सरपंच श्री राजकुमार पैंकरा से भी चर्चा की। उन्होंने रोज शाम को जनचौपाल लगाकर लोगों में जागरूकता फैलाने को कहा है। उन्होंने एक बाईक एम्बुलेंस को कुरदर में चौबीसों घण्टे रखने के निर्देश दिए। सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने को कहा है। कैंदा अस्पताल को एक 108 वाहन उपलब्ध कराने को कहा है।
डायरिया और मलेरिया को हल्के में ना लेंः कलेक्टर
कलेक्टर ने टंगेनमाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का भी निरीक्षण किया। वहां दो बच्चों की मलेरिया से मौत की पुष्टि हुई है। कलेक्टर ने कहा कि डायरिया और मलेरिया को हल्के में ना लें। प्रभावित ग्रामों का पूरा सर्वेक्षण करें। आरडी कीट से मलेरिया की जांच करें। मरीजों को सीधे जिला अस्पताल या सिम्स में भर्ती करें। स्कूलों में डायरिया एवं मलेरिया से बचने के उपाय बताएं। कलेक्टर ने कहा कि मरीजों के घर का फोन नम्बर लेकर लगातार इसकी मॉनीटरिंग की जाए। अलग कर्मचारी की ड्यूटी लगाई जाए।
बीजापुर में मरीजों का आंकड़ा 2000 पार
वहीं प्रदेश के बीजापुर जिले में भी मलेरिया से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। मरीजों का आंकड़ा 2 हजार के पार पहुंच गया है। इतना ही नहीं मलेरिया से 2 बच्चों की मौत भी हो गई है। स्वास्थ्य विभाग, शैक्षणिक संस्थान, आवासीय विद्यालय और ग्रामीण इलाकों में मलेरिया जांच अभियान चला रहा है। 320 संस्थानों के 20 हजार 627 बच्चों और 1 लाख 94 हजार 163 ग्रामीणों का मलेरिया टेस्ट किया जा चुका है। जांच के बाद 1041 छात्र और 975 ग्रामीण मलेरिया पॉजिटिव मिले हैं। बीजापुर जिले में अब तक 2016 लोग पॉजिटिव हैं। जिला प्रशासन ने लोगों को एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं।
सरकार अलर्ट, सीएम के निर्देश, हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
प्रदेश में लगातार मरीजों की बढ़ती तादाद को देखते हुए राज्य सरकार भी अलर्ट हो गई है। शासन ने डॉक्टरों को जरूरी गाइडलाइन जारी किया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा है कि स्वास्थ्य संबंधी मामलों में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। इतना ही नहीं बीमारियों को देखते हुए डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को मुख्यालय नहीं छोड़ने के भी निर्देश दिए गए हैं। बिलासपुर हाईकोर्ट ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है।