Dhna Kharidi Row : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने राजीव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस की
रायपुर/नवप्रदेश। Row on Dhan Kharidi Row : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने धान खरीदी को लेकर प्रदेश भाजपा नेताओं पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत प्रदेश के भाजपा नेताओं द्वारा धान खरीदी को लेकर भ्रम पैदा किए जाने कारण केंद्र ने 60 लाख मीट्रिक टन की जगह छत्तीसगढ़ का सिर्फ 24 लाख मीट्रिक टन चावल सेंट्रल पुल में खरीदने की अनुमति दी है।
सोमवार को राजीव भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मरकाम ने कहा कि रमन सिंह समेत प्रदेश भाजपा के अन्य नेताओं द्वारा केंद्र सरकार को बताया गया कि राज्य सरकार धान खरीदी (dhan kharidi row) पर बोनस दे रही है। जिसके कारण पहले तो केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को फोन कर पूछा कि क्या राजीव गांधी किसान योजना के तहत बोनस दिया जा रहा है। वहीं अब केंद्र सरकार की ओर से एफसीआई को छत्तीसगढ़ का सिर्फ 24 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने की अनुमति दी है।
जबकि पहले केंद्र सरकार की ओर से सेंट्रल पुल में छत्तीसगढ़ का 60 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने की सैद्धांतिक सहमति दी गई थी। मरकाम ने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम से प्रदेश भाजपा का चरित्र उजागर हो गया है। भाजपा के नेता नहीं चाहते कि किसानों का धान समर्थन मूृल्य पर खरीदा जाए। पीसीसी चीफ ने कहा कि हम केंद्र के 24 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदी के फैसले का स्वागत करते हैं और सरकार से आग्रह करते हैं कि वह अपनी बात पर कायम रहते हुए छत्तीसगढ़ का 60 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदे।
केंद्र केे सवाल पर उठ रहे सवाल
मरकाम ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना पर सवाल उठाना भी सवाल खड़े करता है। केंद्र सरकार एक ओर तो किसानों को किसान सम्मान निधि दे रही है। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार की ओर किसानों को मदद करने पर वह सवाल-जवाब कर रही है। राज्य सरकार की ओर से केंद्र को यह स्पष्ट कर दिया है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत बोनस नहीं बल्कि सहायता राशि दी जा रही है।
9 हजार करोड़ तो दूर एक रुपया भी नहीं मिला केंद्र से
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रदेश भाजपा प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि डी. पुरंदेश्वरी कहती हैं कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को धान खरीदी (dhan kharidi row) के लिए 9 हजार करोड़ रुपए दिए गए, जो पूरी तरह गलत है। हकीकत ये है कि केंद्र सरकार की ओर राज्य को धान खरीदी के लिए एक रुपया भी नहीं मिला है। मार्कफेड के जरिए धान खरीदी हो रही है।