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Deputy Collector : 3 दिन पहले तहसीलदार से बनी थी डिप्टी कलेक्टर…अब FIR दर्ज…जानें पूरा मामला

Deputy Collector: Tehsildar was made deputy collector 3 days ago… now FIR registered… know the whole matter

Deputy Collector

इंदौर/नवप्रदेश। Deputy Collector : परसों जिस महिला अधिकारी का प्रमोशन हुआ और वह तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर बनी, कल उस अधिकारी पर आदिवासी की जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री होने के मामले में एफआईआर दर्ज हो गई। मामला उस समय का है, जब वह इंदौर के सिमरोल टप्पे में नायब तहसीलदार थी। उसके खिलाफ शिकायत भी कई दिनों पहले हुई थी, लेकिन जांच पूरी होने के बाद कल कार्रवाई हुई।

सिमरोल पुलिस ने बताया कि अरविंद मिश्रा निवासी स्कीम नंबर 71 की शिकायत पर तत्कालीन तहसीलदार टप्पा सिमरोल राधा महंत पर एफआईआर दर्ज की गई है। बताया गया कि महंत परसों आई प्रमोशन की लिस्ट में रतलाम में तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर बनी है। पुलिस का कहना है कि 2011 में वह सिमरोल टप्पे की नायब तहसीलदार थी। उस दौरान अरविंद मिश्रा ने महू तहसील के चिखली में एक जमीन खरीदी थी। जमीन सुखलाल नानका भील की थी।

बताया जा रहा है कि महंत ने सर्वे नंबर 43/32 की उस जमीन में जमीन मालिक की जाति भील से हरिजन दर्शाते हुए कूटरचित राजस्व आदेश का निर्माण कर परिवर्तन किया और फरियादी से अवैध लाभ प्राप्त किया। बताया जा रहा है कि जिस आदिवासी की जमीन थी, वह उसे सरकार ने आवंटित की थी।

इस मामले में पहले भी दर्ज हो चुका है मुकदमा

सिमरोल पुलिस ने बताया कि इस मामले में इससे पहले भी एक एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जिसमें गेहलोद समेत तीन लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें दो वे आरोपी शामिल थे, जिनके नाम जमीन की पॉवर ऑफ अटर्नी था। बताया जा रहा है कि एफआईआर के बाद पुलिस ने 2020 में न्यायालय में चालान भी पेश किया था। गेहलोद इस दौरान फरार था। फरारी में ही उसकी मौत भी हो गई। महंत के खिलाफ इंदौर कलेक्टर ऑफिस में शिकायत हुई थी, जिसके बाद जांच हुई और महू एसडीएम ने महंत (Deputy Collector) को दोषी पाया।

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