रायपुर। Sushil Anand Shukla डिप्टी सीएम अरुण साव के पत्रकार वार्ता पर सवाल उठाते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि अपनी ही पार्टी के जनाधार वाले नेता और कार्यकर्ताओं के हक का गला घोटना, लिफाफा संस्कृति से प्रत्याशी तय करना ही भाजपा का राजनीतिक चरित्र है, अरुण साव अपनी पार्टी की चिंता करे। जगदलपुर में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के भतीजे सहित दर्जनों कार्यकर्ता, खैरागढ़ जिला उपाध्यक्ष, छुई खदान महिला मोर्चा मंत्री, बीजापुर, सुकमा, रायगढ़ सहित पूरे प्रदेश में भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं की व्यथा सर्व विदित है। भाजपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि चिरमिरी में भाजपा ने महापौर का टिकट जिसे बेचा है उसने पिछला चुनाव पार्टी के खिलाफ़ लड़ा था और कुल 4 वोट पाए थे, भाजपा कार्यकर्ताओं का इससे बड़ा अपमान और क्या हो सकता है? कार्यकर्ता पार्टी की रीड होते हैं, उन्हें गुलाम और पैडवर्कर समझना भाजपा नेताओं की भूल है, भाजपा के कार्यकर्ता आने वाले चुनाव में इन्हें सबक सिखाएंगे।
,प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने डिप्टी सीएम के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि किसी की पत्नी होना किसी भी तरह से अयोग्यता नहीं है, यह भाजपा की महिला विरोधी सोच का प्रमाण है। भाजपा की वर्तमान महापौर प्रत्याशी भी जब पहली बार पार्षद चुनाव लड़ी थी तो वह अपने पति के पार्षद सीट के महिला आरक्षित होने के बाद ही उसी सीट पर लड़ी थी। कांग्रेस की महिला महापौर प्रत्याशी पिछले 10 वर्षों से न केवल पार्टी की गतिविधियों में सक्रिय है बल्कि समाज सेवा के क्षेत्र में उनका अमूल्य योगदान रहा है। सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक गतिविधियों में विगत दो दशकों से सक्रिय भागीदारी रही है। भाजपा नेताओं की तरह झूठ और लफ्फाजी नहीं, बल्कि शहर में उनकी अपनी शख्सियत है, विश्वसनीयता है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि भाजपा झूठे वादे और खोखले दावें करके जनता को ठगना ही भाजपा नेताओं का एक सूत्रीय काम है। 18 लाख पीएम आवास देने का दावा पूरी तरह से झूठ है, महतारी वंदन योजना में पात्र हजारों पात्र हितग्राही योजना के लाभ से वंचित हैं, पुलिस आरक्षक भर्ती और वनरक्षक भर्ती के नाम पर युवाओं के सरकारी नौकरी के रोजगार को भाजपा नेताओं ने बेचा है। 1 लाख सरकारी नौकरी देने का वादा जुमला निकला। 100 दिन में अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा था, उल्टे लगी लगायी नौकरी छीन रहे हैं। बीएड सहायक शिक्षकों को बर्खास्त किया, विद्या मितान, अतिथि शिक्षक, संविदा कर्मी निकाले गए। 1 साल में चार-चार बार बिजली के दाम बढ़ा दिए। कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, बिजली, पानी, साफ सफाई भाजपा की सरकार आने के बाद से बदहाल है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने डिप्टी सीएम साव से सवाल किया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 25 प्रतिशत से घटाकर शुन्य करने पर अरुण साव ओबीसी वर्ग से माफ़ी कब मांगेंगे? सरकार की नाक के नीचे राजधानी में मोवा ओवरब्रिज के गुणवत्ताहीन कार्य में ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट क्यों नहीं किया गया? किसका संरक्षण है? या भ्रष्टाचार में हिस्सेदारी है? राजधानी के ट्रैफिक व्यवस्था को बाधित करने वाले, भाजपा के भ्रष्टाचार का स्मारक स्काईवॉक पर क्या स्टैंड है? एक भाजपा नेता की जिद और भ्रष्टाचार ज़रूरी है या शहर की जनता की सहूलियत?