वाशिम/ए.। Daughters Give Shoulder to Father : बेटियां बेटों से कम नहीं। इस बात का एक और उदाहरण देखने को मिला है। अंतिम संस्कार की पुरुष प्रधान संस्कृति को पीछे छोड़ते हुए 12 बेटियाें ने अपने पिता को कंधा दिया। ये भावुक क्षण देखकर पूरा गांव भावुक हो गया। विदर्भ के ग्रामीण अंचलों में शिक्षा की अलख जगाने वाले सखाराम गणपतराव काले गुरुजी का गुरुवार को 92 वर्ष की आयु में िनधन हो गया। शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार महाराष्ट्र के वाशिम जिले की मानोरा तहसील के सेंदुर्जना गांव में हुआ।
बेटे की तरह निभाया दायित्व :
काले गुरुजी का कोई बेटा नहीं था। उन्हें 12 बेटियां (Daughters Give Shoulder to Father) ही हैं। लिहाजा बेटियों ने भी अपने पिता की अंतिम यात्रा में बेटे की कमी नहीं महससू होने दी और 12 बहनों ने मिलकर ही अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया। काले गुरुजी ने पश्चिम विदर्भ की मशहूर अप्पास्वामी शिक्षण संस्था की स्थापना की थी।
वे बचपन से ही सामाजिक कार्यों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेते थे। दान करने के मामले में भी वे आगे रहते थे। जब उन्हें उनकी बेटियों ने कंधा दिया तो पूरा गांव भाव विभोर हो गया। इन बेटियों ने एक तरह से संदेश दिया कि रुढ़ियों को अलग रख दिया जाए तो बेटियां भी बेटों की तरह अपने दायित्व निभा सकती है।